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स्टेशन माफिया बने तालीबानी गुंडे, मीडिया कर्मी से की बदसलूकी…

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रायपुर। राजधानी के रेलवे स्टेशन में संचालित वाहन पार्किंग स्टैंड में अवैध वसूली और दादागिरी आए दिन देखने को मिलती है। शनिवार को एक बार फिर पार्किंग के ठेकेदार और उसके कर्मियों ने मीडिया कर्मी से बदसलूकी और उसे बलपूर्वक रिपोर्टिंग करने से रोका। पार्किंेग के तय दर से ज्यादा शुल्क वसूलने के साथ यात्रियों से दुव्र्यवहार की शिकायतों पर मीडिया कर्मी वहां तथ्यों का पता लगाने कव्हरेज के लिए गया था लेकिन उसे अपना काम करने से रोक दिया गया। इतना ही नहीं मीडिया कर्मी का मोबाइल छिनकर फोटो भी डिलिट कर दिया गया। मामले की शिकायत मीडियाकर्मी ने गंज थाने में दर्ज कराई है।

जनता से रिश्ता न्यूज वेबपोर्टल का रिपोर्टर सत्यम ठाकुर दोपहर साढ़े तीन बजे अपने व्यूरो हेड से टास्क मिलने पर पार्किंग में अवैध वसूली की जानकारी जुटाने गया था। पार्किंग में मौैजूद ठेकेदार और उसके कर्मियों से जानकारी चाहते हुए उसने पार्किंग के तय शुल्क की जानकारी मांगी और उनसे पूछकर अपने मोबाइल पर रसीद बुक की फोटो खींच ली। इसके बाद जैसे ही उसने अपना कैमरा स्टेंड लगाकर ब्रीफ रिकार्ड करना शुरू किया ठेकेदार और उसके आदमियों ने उसे घेर कर किस अखबार-चैनल से है कहकर धमकाना शुरू कर दिया और बलात मोबाइल छिनकर रसीद की फोटो डिलिट कर दी। ठेकेदार ने खबर छापने उसे देख लेने और हर पांच किलोमीटर में मिठाई बंटवाने की धमकी भी दी। घटना की जानकारी होने पर उसका सहकर्मी शान्तनु राय भी जब वहां पहुंचा तो उसके साथ भी ठेकेदार और उसके कर्मियों ने बदसलूकी करते हुए देख लेने की धमकी दी।

दादागिरी और अवैध धंधों का बन रहा अड्डा

रायपुर रेलवे स्टेशन पर तालिबानी गुंडों की दादागिरी चरम सीमा पर है। पार्किंग माफियाओं ने हर आने जाने वाले मुसाफिरों को और यात्रीगणों को लूटने का नया-नया तरकीब आजमा रहे हैं। माफियाओं का आतंक दिन प्रतिदिन रायपुर रेलवे स्टेशन में बढ़ता जा रहा है। हर प्रकार के दो नंबर के धंधे गांजा सट्टा, जुआ, अवैध वसूली पार्किंग माफिया अपने अधीन और अधिकार क्षेत्र में करवाते हैं। पार्किंग माफिया के लिए सबसे सुरक्षित स्थान रायपुर रेलवे स्टेशन बना हुआ है। पार्किंग माफिया जीआरपी और आरपीएफ को जेब में रखने की बात खुलेआम करते हैं। जीआरपी और आरपीएफ की मिलीभगत से पार्किंग माफिया के हौसले बुलंद होते जा रहे हैं। ट्रेनों से यात्रा करने वाले यात्री और उन्हे छोडऩे आने वाले परिजनों को अवैध वसूली कर प्रताडि़त और परेशान किया जाता है। जीआरपी और आरपीएफ के मिलीभगत से स्टेशन परिसर में पार्किंग माफियाओं ने एक प्रकार से दो नंबर के धंधे का मुख्य अड्डा बना दिया है। जिला पुलिस के अधिकार क्षेत्र से बाहर होने के कारण दिन प्रतिदिन पार्किंग माफियाओं की तालीबानी गुंडागर्दी और दादागिरी बढ़ती जा रही है। रेल्वे प्रशासन भी ठेका देकर अपना दायित्व पूरा कर लेता है, लोगों को वहां होने वाली असुविधा और अवैध वसूली को लेकर ठेकेदार के खिलाफ कोई एक्शन नहीं लिया जाता जिससे उनकी मनमानी और बढ़ती जा रही है।

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