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रेत माफिया ने किया जमाखोरी के बाद मुनाफाखोरी , 5 हजार की रेट पहुंची 10 हजार।

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विनोद गुप्ता / रायपुर. रेत खदानों पर मानसूनी लॉकडाउन से पहले इस माह जमकर जमाखोरी की गई है। प्रदेश में पचास हजार ट्रक से ज्यादा रेत का भंडारण कर लिया गया है। इसके बाद जैसे ही रेत खदानों बंद हुईं हैं, कीमत आसमान पर चली गई है। जो रेत पांच दिन पहले महज पांच हजार रुपए ट्रक में मिल रही थी। वह अब दस हजार रुपए ट्रक में मिल रही है। इसके लिए भी भारी मशक्कत करनी पड़ रही है, क्योंकि यहां से डबल कीमत पर रेत महाराष्ट्र जा रही है।

बारिश के समय हमेशा रेत खदानों में 15 जून से तालाबंदी हो जाती है। इसके पहले रेत की लीज लेने वाले खनिज विभाग से मंजूरी लेकर इसका भंडारण करते हैं। खदानें बंद होने से काफी पहले से रेत का भंडारण प्रारंभ कर दिया गया। जानकारों की मानें तो जिनके पास जितने ट्रक रेत भंडारण की अनुमति है, उससे डबल से भी ज्यादा रेत का भंडारण कर लिया गया है। इसी के साथ कई लोगों ने तो एक से ज्यादा स्थानों पर भी रेत का अवैध भंडारण करके रखा है।


प्रदेश में रेत का कारोबार करने वालों का कहना है, प्रदेश के घाटों से रायपुर सहित दूसरे शहरों में रेत मुश्किल से 20 फीसदी जा रही है। ज्यादा माल महाराष्ट्र भेजा जा रहा है। इसका कारण यह है कि इस समय महाराष्ट्र में कीमत और ज्यादा हो गई है। जब यहां पर सामान्य समय में रेत 10 से 11 रुपए फीट में मिलती है, तब यह महाराष्ट्र में 35 से 40 रुपए फीट बिकती है। अब तो मानसून के कारण वहां कीमत और ज्यादा हो गई है। इस समय महाराष्ट्र में रेत 50 से 60 रुपए फीट बिक रही है। ज्यादा मुनाफा कमाने के लिए यहां रेत न देकर महाराष्ट्र भेजी जा रही है। रेत का भंडारण करने वाले अब जमकर मुनाफाखोरी करने के लिए 10 से 11 रुपए फीट वाली मीडियम रेत को 20 से 22 रुपए में और 15 से 17 रुपए वाली बारीक रेत 30 से 32 रुपए में बेच रहे हैं। ऐसे में अब पांच सौ फीट वाले ट्रक में एक ट्रक रेत की कीमत जो पहले पांच से साढ़े पांच हजार रुपए रहती थी, उसके अब दस हजार लिए जा रहे हैं।

इतने पैसे देने के बाद भी लोगों को रेत नसीब नहीं हो रही है। जानकारों का कहना है, पहले खदानों से रायपुर तक रेत पहुंचाकर 10 से 11 रुपए फीट पड़ती थी, लेकिन अब जिन लीज धारकों ने रेत का भंडारण कर रखा है, वो अपने घाट के पास ही रेत 13 से 15 रुपए फीट में दे रहे हैं। ऐसे में रायपुर तक रेत को लाने में होने वाले खर्च को मिलाकर यह रेत 20 से 22 रुपए फीट पड़ रही है। जानकाराें का कहना है, अगर खनिज विभाग महाराष्ट्र जाने वाले माल पर रोक लगा दे और कीमत पर नियंत्रण कर ले तो यहां पर इतना भंडारण है कि आसानी से बारिश के चार माह तक रेत मिल सकती है, लेकिन ऐस सा नहीं किया जा रहा है। भंडारण करने वाले सेंटिंग करके ज्यादा माल बाहर भेज रहे हैं। जो माल बाहर भेजा जा रहा है, वही वैध है, बाकी जो अवैध भंडारण किया गया है, वही माल यहां पर मनमानी कीमत पर बेचा जा रहा है।

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