महिला एवं बाल विकास मंत्री श्रीमती लक्ष्मी राजवाड़े संकुल केन्द्र बिहारपुर के पालक-शिक्षक मेगा सम्मेलन में हुई शामिल
-जिले के समस्त 241 संकुलों में पालक-शिक्षक मेगा सम्मेलन सम्पन्न
सूरजपुर/IRN.24… पालकों के साथ बेहतर संवाद स्थापित करने, उन्हें बच्चों की प्रगति से अवगत कराने तथा बच्चों में भविष्य की संभावनाओं को तलासने के उद्देश्य से छत्तीसगढ़ शासन स्कूल शिक्षा विभाग के तत्वाधान में कलेक्टर एवं जिला मिशन संचालक रोहित व्यास तथा मुख्य कार्यपालन अधिकारी एवं जिला परियोजना संचालक समग्र शिक्षा कमलेश नन्दिनी साहु के निर्देशानुसार, जिला शिक्षा अधिकारी, रामललित पटेल एवं जिला मिशन समन्वयक, शशिकान्त सिंह के मार्गदर्शन में आज संकुल स्तर पर पालक-शिक्षक मेगा सम्मेलन जिले के सभी 241 संकुलों में 2086 शासकीय विद्यालयों के पालक शिक्षक के उपस्थिति में सम्पन्न हुआ। संकुल स्तरीय पालक शिक्षक सम्मेलन में जनप्रतिनिधियों ने भी बढ़-चढ़कर हिस्सा लिया। इनमें लक्ष्मी राजवाड़े मंत्री महिला एवं बाल विकास विभाग तथा समाज कल्याण विभाग ने संकुल केन्द्र बिहारपुर, राम सेवक पैकरा, पूर्व गृहमंत्री, छत्तीसगढ़ शासन ने संकुल केन्द्र चेन्द्रा, बिहारी कुलदीप, सदस्य जिला पंचायत ने संकुल केन्द्र गिरवरगंज, गीता सत्यनारायण जायसवाल, सदस्य जिला पंचायत ने संकुल केन्द्र करंजी में तथा स्थानीय स्तर पर जिला पंचायत सदस्य, जनपद अध्यक्ष/सदस्य, सरपंच/वार्ड पंच, पालक, एसएमसी सदस्य, शिक्षाविदों एवं चिकित्सकों ने भाग लिया। लक्ष्मी राजवाड़े ने अपने उद्बोधन में पालकों से समय-समय पर विद्यालय में आयोजित कार्यक्रमों में उपस्थित होने तथा बच्चों के सर्वांगीण विकास के लिये नियमित विद्यालय भेजने की अपील की।
आयोजित कार्यक्रम में निर्धारित 12 मुद्दों पर विस्तार पालकों के मध्य चर्चा किया गया जिसमें क्रमशः निम्न बिन्दु निर्धारित हुए हैं –
1.मेरा कोना – इसमें बच्चों के पढ़ाई के लिये अभिभावकों से एक शांत औंर आरामदायक स्थान चुनने के लिये कहा गया ताकि वे एकाग्रचित होकर पढ़ाई कर सकें।
2.छात्र दिनचर्या:- पालकों से बच्चों की दिनचर्या निर्धारित करने के लिये अपील किया गया जो उन्हें अच्छी आदत विकसित करने में सहायक हो।
3.बच्चे ने आज क्या सीखा:- पालकों से बच्चों के सीखने-सिखाने के प्रवृत्ति पर चर्चा किया गया तथा प्रतिदिन बच्चों से स्कूल में हुई गतिविधियों के बारे में पुछने के लिये कहा गया ताकि बच्चों को सर्वांगीण विकास हो सके।
4.बच्चा बोलेगा बेझिझक:- प्रत्येक बच्चे को प्रार्थना सभा में सामने खड़ा कर बोलने हेतु प्रेरित किया गया जिससे बच्चे की झिझक दूर होगी।
5.बच्चों की अकादमिक प्रगति एवं परीक्षा पर चर्चा:- बच्चों ने अध्ययन के दौरान क्या सीखा, उनके प्रगति के बारे में चर्चा किया गया साथ ही नवोदय विद्यालय, एकलव्य विद्यालय, प्रयास विद्यालय में प्रवेश परीक्षा के संबंध में चर्चा किया गया।
6.पुस्तक की उपलब्धता सुनिश्चित करना:- सभी बच्चों को शासन द्वारा पाठ्य पुस्तकें उपलब्ध करा दी गई हैं इसके संबंध में चर्चा किया गया।
7.बस्ता रहित शनिवार:- शनिवार को बच्चों को शाला में बिना बस्ता के उपस्थित होते हुए साफ-सफाई, किचन गार्डन, खेल-कूद, सांस्कृतिक कार्यक्रम एवं योग/व्यायाम आदि विभिन्न आयोजन कराये जाते हैं, अभिभावकों को इससे अवगत कराया गया।
8.विद्यार्थियों के आयु/कक्षा अनुरूप स्वास्थ्य परीक्षण एवं पोषण की जानकारीः- विभाग द्वारा स्वास्थ्य विभाग से समन्वय कर छात्रों का समय-समय पर स्वास्थ्य परीक्षण किया जाता है एवं स्वास्थ्य विभाग द्वारा आयु अनुसार दवाई उपलब्ध कराई जाती है इस संबंध में अभिभावकों को बताया गया।
9.जाति-आय निवास प्रमाण पत्र:- सभी विद्यालयों में विद्यार्थियों के लिये जाति-आय निवास प्रमाण पत्र आदि बनाने हेतु शिविर लगाए जा रहे हैं जिसमें विद्यालय में पढ़ रहे सभी अनुसूचित जाति/ अनुसूचित जनजाति/पिछड़ा वर्ग के समस्त विद्यार्थियों का जाति प्रमाण पत्र एवं सभी वर्गों का निवास एवं आय प्रमाण पत्र बनाया जाता है। इसके संबंध में अभिभावकों को जानकारी दी गई।
10.न्योता भोज:- पूर्व से ही मध्यान्ह भोजन शासन द्वारा संचालित है। वर्तमान में न्योता भोज की अवधारणा एक सामुदायिक भागीदारी पर आधारित है, यह कार्यक्रम विभिन्न महत्वपूर्ण अवसरों पर जैसे जन्मदिन, वैवाहिक वर्षगांठ, राष्ट्रीय पर्व आदि अवसरों पर शाला के बच्चों को पौष्टिक व रूचिकर भोजन उपलब्ध कराने की एक अच्छी पहल हो रही है जिसमें स्वयं ग्रामीण जन एवं जनप्रतिनिधियों/आपका का भी सहयोग अपेक्षित है।
11.विभिन्न प्रतियोगी परीक्षाओं/छात्रवृत्ति एवं विभागीय योजनाओं की जानकारी पर चर्चा:- पालकों को छात्रों की कक्षावार, योग्यता अनुरूप विभिन्न प्रतियोगी परीक्षाओं एवं छात्रवृत्ति योजनाओं के संबंध में अवगत कराना ताकि छात्रों को उसका लाभ मिल सके।
12.विभिन्न डिजिटल प्लेटफार्म के माध्यम से शिक्षा हेतु पालकों एवं छात्रों को अवगत कराना:- दीक्षा एप (डिजिटल इंफ्रास्ट्रक्चर फॉर नॉलेज शेयरिंग) – अभिभावकों को डिजिटल प्लेटफार्म के बारे में बताया गया।
ई जादुई पिटारा:- सम्मेलन में आये अभिभावकों के मोबाइल पर ई-जादुई पिटारा के बारे में जो कि गूगल प्ले स्टोर में उपलब्ध है। उसे डाउनलोड कर उपयोग करने हेतु बताया गया।
डिजिटल लाईब्रेरी:- ईबुक के रूप में उपलब्ध है जिसे ऑनलाईन पढ़ा जा सकता है। पालक – शिक्षक मेगा बैठक में सभी पालकों एवं एसएमसी/एसएमडीसी के सदस्यों, जनप्रतिनिधियों एवं काउन्सलर, शिक्षाविदों, मनोवैज्ञानिकं, डॉक्टरों के द्वारा बच्चों के सर्वांगिण विकास हेतु संकल्प लिया गया।