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भूपेश सरकार का दावा,गोबर बेचकर छत्तीसगढ़ में गौपालकों ने कमाए 100 करोड़

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रायपुर। छत्तीसगढ़ सरकार की बहुचर्चित गौधन न्याय योजना को लेकर बघेल सरकार ने दावा किया है कि तमाम आर्थिक दिक्कतों के बावजूद प्रदेश भर में गोबर खरीदी से अब तक राज्य के गौपालकों को 119.41 करोड़ रूपए का भुगतान किया जा चुका है।

मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने गुरुवार को सीएम हाउस में आयोजित गोधन न्याय योजना के तहत लाभ पाने वालों के बैंक खातों में 5 करोड़ 37 लाख रूपए की राशि ऑनलाइन जारी की, जिसमें बीते पखवाड़े में गोबर खरीदी के एवज में 2 करोड़ 78 लाख रूपए के भुगतान, गौठान समितियों को एक करोड़ 70 लाख और महिला समूहों को 89 लाख रूपए के लाभांश की राशि शामिल है। कार्यक्रम के दौरान मुख्यमंत्री ने बताया कि योजना शुरू होने से लेकर अब तक गोबर खरीदी के एवज में राज्य के गौपालकों को 119.41 करोड़ रूपए दिए जा चुके हैं।

गोबर से बिजली और पेंट बना रही है छत्तीसगढ़ सरकार

मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कहा कि गोधन न्याय योजना को हम मिशन मोड में संचालित कर रहे हैं, ताकि इसके जरिए गौठानों में गोबर समेत अन्य संसाधनों से मार्केट की डिमांड के मुताबिक पर प्रोडक्ट तैयार करके उसकी मार्केटिंग की जा सके। मुख्यमंत्री बघेल ने कहा कि गोबर से बिजली उत्पादन की शुरूआत करने के बाद अब छत्तीसगढ़ सरकार गोबर से प्राकृतिक पेंट के निर्माण की दिशा में बढ़ रही है। उन्होंने कहा कि गौठानों में रूरल इंडस्ट्रियल पार्क के तौर पर विकसित करके राज्य के विभिन्न महिला स्व-सहायता समूहों को मार्केट की डिमांड के अनुसार उत्पादन तैयार करने के लिए ट्रेनिंग दी जाएगी।

गोबर से बनी खाद ने दी 100 करोड़ की कमाई

वही राज्य के कृषि मंत्री रविन्द्र चौबे ने कहा कि गोधन न्याय योजना की चर्चा पूरे देश में है। देश के कई राज्य इसे अपनाने की दिशा में आगे बढ़ रहे हैं। उन्होंने कहा कि पूरे छत्तीसगढ़ में सरकार ने 10591 गौठानों के निर्माण की स्वीकृति दे दी है, जिसमें से 7889 गौठानो में काम शुरू हो चुका है। चौबे ने जानकारी देते हुए कहा कि राज्य के गौपालकों से गोबर खरीदकर छत्तीसगढ़ सरकार उससे वर्मी कम्पोस्ट और अन्य उत्पाद तैयार कर रही है जिससे अब तक सरकार को 100 करोड़ रूपए की आय हो चुकी है।

कृषि मंत्री ने बताया कि गोबर से बनाये जाने वाले वर्मी कम्पोस्ट और सुपर कम्पोस्ट खेती-किसानी के लिए बेहद उपयोगी साबित हो रही है ,इससे राज्य के किसानों का वर्मी खाद की ओर रूझान बढ़ा है। उन्होंने कहा कि छत्तीसगढ़ में रासायनिक खाद डीएपी की कमी को पूरा करने में गौठानों में बनी वर्मी कम्पोस्ट ने अहम रोल अदा किया है।

मुख्यमंत्री भूपेश बघेल का कहना है कि छत्‍तीसगढ़ को जैविक राज्य बनाने की कवायद शुरू कर दी गई है। गोबर से बनी वर्मी कंपोस्ट खाद के उपयोग से छत्तीसगढ़ तेजी से जैविक खेती की ओर बढ़ रहा है। इसी गति से काम होता रहा, तो आने वाले समय में छत्तीसगढ़ सिक्किम के बाद देश का दूसरा जैविक राज्य साबित हो सकता है।

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