नदियों में शव मिलने के बाद सख्ती:केंद्र ने यूपी और बिहार से कहा- गंगा में शव प्रवाहित करने पर रोक लगाएं, सुरक्षित तरीके से दाह संस्कार हो
इंडियन रिपब्लिक / उत्तर प्रदेश और बिहार में गंगा के किनारे सैकड़ों शव मिलने के बाद केंद्र ने इस मामले में दखल दिया है। केंद्र सरकार ने दोनों राज्यों से कहा है कि वे गंगा और उसकी सहायक नदियों में शव प्रवाहित करने पर रोक लगाएं। साथ ही शवों का सुरक्षित और सम्मानजनक तरीके से दाह संस्कार कराने पर ध्यान दें।
कोरोनोवायरस के मामलों में बढ़ोतरी के बाद इन नदियों के किनारे कई लाशों को देखा गया था। 15 और 16 मई को हुई समीक्षा बैठक में केंद्र ने कहा कि हाल में गंगा और उसकी सहायक नदियों में शवों और अधजली लाशें प्रवाहित करने की सूचना मिली है। यह बहुत गलत और खतरनाक है।
जल शक्ति मंत्रालय के मुताबिक, राज्य के प्रदूषण नियंत्रण बोर्डों को स्वास्थ्य विभागों की मदद से पानी की गुणवत्ता की कई बार निगरानी करने का निर्देश दिया गया है। केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (CPCB) को पूरे मामले की मॉनिटरिंग-एडवांस्ड एनालिसिस करने और राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्डों को गाइड करने की जिम्मेदारी सौंपी गई है।
मंत्रालय के मुताबिक, दाह संस्कार के लिए मदद को प्राथमिकता दी जानी चाहिए। सरकारी आदेशों का प्रभावी क्रियान्वयन हो, इसे सुनिश्चित करने की जरूरत है। मंत्रालय ने कहा कि इस काम में समय की बर्बादी नहीं होनी चाहिए।
गंगा में बड़ी संख्या में शव मिलने और घाट किनारे लाशों के दफन होने की ‘दैनिक भास्कर’ की खबर के बाद उत्तर प्रदेश सरकार ने एक्शन लिया था। ‘दैनिक भास्कर’ ने UP में गंगा किनारे के 27 जिलों से ग्राउंड रिपोर्ट पब्लिश की थी। इसके कुछ घंटों में ही सरकार ने सभी जिलों में नदियों में शव प्रवाहित करने पर रोक लगा दी।
राज्य सरकार ने किनारों पर पेट्रोलिंग बढ़ाने का आदेश जारी कर दिया। पेट्रोलिंग की जिम्मेदारी SDRF और PAC की जल पुलिस को दी गई है। सभी जिलों में इसकी टीमें 24 घंटे लगातार मॉनिटरिंग कर रही हैं। ये टीमें घाटों के किनारे और नदियों में नाव के जरिए गश्त कर रही हैं।
यूपी सरकार ने नगर पंचायत, नगर पालिका, नगर निगम और ग्राम पंचायत स्तर पर आर्थिक रूप से कमजोर लोगों के अंतिम संस्कार के लिए प्रति व्यक्ति 5 हजार रुपए मंजूर किए हैं। मृतक के परिजन से किसी तरह का कोई शुल्क नहीं लिया जाएगा।