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तेलईकछार के पंसारी नाला से लोगों को मिल रहा आर्थिक लाभ

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सूरजपुर-मोहिबुल हसन(लोलो)…. जिला मुख्यालय से लगे हुए ग्राम पंचायत तेलईकछार में स्थित पंसारीनाला हैं जिसका उद्गम स्थल ग्राम पंचायत गणेषपुर है। ग्राम पंचायत गणेषपुर से उद्गम होकर ग्राम पंचायत गोपालपुर, तेलईकछार होते हुये रेण नदी में मिलता है। इस दौरान पंसारीनाला लगभग 7 किलोमीटर राजस्व एवं वन क्षेत्र से हो कर गुजरता है, जिसमें ग्राम पंचायत तेलईकछार में इस नाला का सर्वाधिक क्षेत्र निहित है।
महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी योजनान्तर्गत वित्तीय वर्ष 2019-20 व 2020-21 में पंसारीनाला को ट्रिटमेंट करने के उदेष्य् से डीपीआर तैयार किया गया, जिसमें लगभग 7 किमी के नाले को उद्गम (गणेषपुर) से संगम तक (रेण नदी तक) वाटरशेड के सम्पूर्ण कार्य लिये गये। जिसमें ग्राम पंचायत के सरपंच, सचिव एवं रोजगार सहायक के द्वारा विषेष रूची लेकर कार्य प्रारम्भ किया गया। नाले में कुल 21 नग ब्रष हुड चेक डेम 1.05 लाख जनित मानव दिवस 435, 33 नग गलीप्लग प्रषासकीय स्वीकृति राषि 3.30 लाख जनित मानव दिवस 1538, 1 नग गेबियन स्ट्रेक्चर प्रषासकीय स्वीकृति राषि 2.40 लाख जनित मानव दिवस 310, 11 नग लूज बोल्डर चेक डेम प्रषासकीय स्वीकृति राषि 1.10 लाख जनित मानव दिवस 466, 1 नग स्टाप डेम का कार्य प्रषासकीय स्वीकृति राषि 20.00 लाख जनित मानव दिवस 2591, 1 नग नाला डिस्लटींग स्वीकृत राषि 8.97 जनित मानव दिवस 4222, 1 नग अर्दन चेक डेम का कार्य प्रषासकीय स्वीकृति राषि 3.00 लाख जनित मानव दिवस 1244 का कार्य को पूर्ण करने के उदेष्य् से ग्रामीणों से चर्चा कर प्रारम्भ की गई। ग्राम पंचायत तेलईकछार, गणेषपुर, गोपालपुर के नरेगा श्रमिकों द्वारा कार्य किया गया, कार्य करने से उस श्रमिकों रोजगार तो मिला ही, साथ ही साथ वाटरषेड के क्षेत्र में अभूतपूर्ण कार्य तैयार हुआ, जिस नाले में 6 से 7 माह पानी रहता था एवं पूर्व में किसान बरसात के पानी पर निर्भर रहते थे, सिर्फ अपने परिवार के आजीविका चलाने भर का फसल ले पाते थे।
उसी नाले में आज के स्थिति में पूरे साल भर पानी रहता है। जिससे नाला के किनारे गेहु, टमाटर, लौकी, करेला, आलू, तरबूज, खीरा, इत्यादी का फसल किसान ले रहे हैं। किसान अपने परिवार की आजीविका भर न चलाकर वरन् अपने आय में वृद्धि का काम कर रहें हैं। नाला ट्रिटमेंट हो जाने के पश्चात् लगभग 150 किसान के सिंचित रकबा में वृद्धि हुआ, जिस कारण ये 150 किसान खरिफ फसल के साथ-साथ रबी फसल भी ले रहे हैं।
पिछले दो वर्षो से किसानों में मुख्य रूप से हुकुम साय, रामनारायण, दयाराम, भैयालाल राजवाडे़, आतम राम, बाबूलाल, धर्मपाल, सुमेत राम, समरत राम, लोकनाथ, बिल्लू राम, दरोगा लाल, रघुनाथ, राजेन्द्र, दषवन्ती, हरिचरण, ईष्वर, आनन्द राम, महेन्द्रराम, बु़द्ध देव, रामनारायण के द्वारा खरीफ फसल के साथ रबि फसल स्वरूप गेहू, चना, आलू, मटर, सरसों, उडद, टमाटर, का फसल लगाकर आर्थिक लाभ ले रहे हैं। किसानों में हुकुम साय का अधिकांष जमीन पंसारी नाला किनारे होने के कारण सिचांई का साधन होने से फसल लेने पष्चात ट्रेक्टर क्रय कर खेती का कार्य किया जा रहा है। रामनारायण का भी अधिकांष जमीन पंसारी नाला किनारे होने से कृषि में होने वाले लाभ से धन अर्जित कर किराना दुकान का संचालन किया जा रहा है। कृषक दयाराम को कृषि से लाभ होेने से मोटर सायकल खरीदकर सब्जी बिक्रय का कार्य किया जा रहा है।

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