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तीसरी लहर से निपटने अस्पताल दोगुना करें अपनी क्षमता-कलेक्टर! शासकीय एव निजी अस्पताल संचालकों की बैठक सम्पन्न

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महेंद्र देवांगन , अंबिकापुर: कलेक्टर संजीव कुमार झा ने कहा है कि कोरोना महामारी की तीसरी लहर की चुनौती से निपटने के लिए सभी अस्पताल वर्तमान में जितने बेड और मानव संसाधन की क्षमता है उसे दोगुना करें ताकि तीसरी लहर में प्रभावित होने वाले बच्चो के ईलाज कर लिए बेड सहित जरूरी संसाधन मौजूद रहे। उन्होंने कहा कि कोविड ईलाज के लिए इम्पैनल्ड सभी अस्पतालो में कम से कम 30-30 ऑक्सीजन बेड तथा 10-10 आईसीयू बेड बच्चो के लिए आरक्षित होनी चाहिए। कलेक्टर ने यह निर्देश सोमवार को जिला पंचायत सभा कक्ष में आयोजित शासकीय एवं निजी अस्पताल संचालकों की बैठक में दिए।

कलेक्टर ने कहा कि कोरोना के तीसरी लहर आने से पहले हमारे पास करीब दो माह का समय है। इस दो माह के भीतर अस्पतालों की अपनी क्षमता का विस्तार करना है। इसमें सिविल वर्क से लेकर मानव संसाधन, उपकरण इत्यदि को शामिल करें । उन्होंने कहा कि सभी अस्पताल स्वयं आकलन करें कि उन्हें अपनी क्षमता बढ़ाने के लिए क्या उपाय करना है। मरीजो के बेहतर ईलाज के लिए सुविधाएं बढ़ाये। अब तक के ईलाज में यदि कोई चूक या गलती हुई हो तो उसकी पुनरावृति न हो क्योंकि यह जीवन और मृत्यु का सवाल है। कोविड सबंधित डेस्क हो तथा उसे स्ट्रीमलाईंन कर बेसिक प्रोटोकाल विकसित करें। अस्पतालो के लिए जरूरी उपकरण तथा अन्य सामग्रियों की स्टॉक अभी से रख लें ताकि जरूरत के समय कमी न हो।

मेडिकल कॉलेज अस्पताल में स्थापित होगा एक और ऑक्सीजन प्लांट- कलेक्टर ने कहा कि कोरोना के तीसरे लहर में मेडिकल कॉलेज अस्पताल में ऑक्सीजन की पर्याप्त आपूर्ति सुनिश्चित करने के लिए एक और प्लांट लगाए जाएंगे। उन्होंने मेडिकल कॉलेज अस्पताल के कोविड वार्ड में बच्चो के लिए ऑक्सीजन बेड तथा आइसीयू बेड बढ़ाने के भी निर्देश दिए। इसके साथ ही उन्हने सभी निजी अस्पतालों को भी ओक्सिजन प्लांट लगाने या एलएमओ टैंकर की व्यवस्था करने कहा। गंगापुर स्थित मेडिकल कॉलेज अस्पताल के एकेडमिक ब्लॉक में कोविड मरीजो के लिए करीब 400 अतिरिक्त बेड का इंतजाम करने जरूरी कदम उठाने के भी निर्देश दिए।

निजी अस्पतालो में भी होगी कोविड मरीजों की डिलीवरी-कलेक्टर ने कहा कि निजी अस्पतालों तथा मैटरनिटी अस्पतालों में भी अब कोरोना मरीज गर्भवती महिला की डिलीवरी होगी। उन्हने निजी अस्पतालों द्वारा गर्भवती कोरोना मरीजो को डिलीवरी के लिए मेडिकल अस्पताल रिफर करने को गंभीरता से लेते हुए कहा कि जब तक गर्भवती महिला कोविड पॉजिटिव नही थी तब तक नियमित निजी अस्पताल में चेकअप कराती रही भर्ती भी हुई लेकिन जैसे ही पॉजिटिव रिपोर्ट आया तो सीधे मेडिकल कॉलेज रिफर कर दिए। यह अब नही चलेगा। संबंधित अस्पतालों को रिफर करने की वजह बताना होगा।

बेड अलॉटमेंट के लिए बनेगा सेंट्रलाइज सिस्टम-कलेक्टर ने शासकीय तथा निजी कोविड अस्पतालों में बेड अलॉटमेंट को पारदर्शी बनाने के लिए मेडिकल कॉलेज में सेंट्रलाइज सिस्टम विकसित करने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि कोई भी कोविड का मरीज सीधे किसी भी अस्पताल में भर्ती नही होगा बल्कि उसे पहले मेडिकल कॉलेज आना होगा और यहां से उसकी स्थिति के अनुसार आईसीयूए ऑक्सीजन बेड जिस संस्थान में बेड उपलब्ध होगी उन्हें अलॉट किया जाएगा। पूरे संस्थान में बेड की वास्तविक स्थिति स्पष्ट रहे।

रेडक्रॉस में मिलेगा ऑक्सीमीटर- कलेक्टर ने कुछ जरूरी उपकरणों और दवाईयों के अचानक मेडिकल स्टोर से गायब होने तथा अत्यधिक कीमत पर बेचने की शिकायत पर खाद्य एवं औषधि प्रशासन विभाग के अधिकारियो को फटकार लगाते हुए कहा कि सभी मेडिकल दुकानो से पल्स ऑक्सीमीटर संग्रहित कर रेडक्रॉस को दें। रेडक्रॉस उसे जन सामान्य को निर्धारित दर पर विक्रय कर संबंधित मेडिकल स्टोर को राशि देंगे। उन्होंने कहा कि जो मेडिकल स्टोर उपकरण या दवाई स्टोर कर ज्यादा दर पर बेच रहे है उन पर कार्यवाही करें।

बैठक में जिला पंचायत के सीईओ श्री विनय कुमार लंगेह, सहायक कलेक्टर सुश्री श्वेता सुमन, डिप्टी कलेक्टर अनमोल टोप्पो, सीएमएचओ डॉ पीएस सिसोदिया, मेडिकल कॉलेज के चिकित्सा अधीक्षक डॉ लखन सिंह सहित निजी अस्पताल संचालक एवं उनके प्रतिनिधि उपस्थित थे।

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