तबादले के बाद भी कैसे जमे हैं कहते हैं प्रदेश के सबसे बुजुर्ग विधायक का हाथ मेरे सिर पर है जिनकी इज्जत भूपेश बघेल भी करते हैं,,
रायपुर/सूरजपुर (डेस्क IRN24),, पैसा किसे चुभता है कोई करोड़पति हो या खाकपति और जब शासन की विभिन्न योजनाओं का पैसा बिना किसी रिस्क के पहुंचे तो भला ऐसा सरकारी मुलाज़िम जनप्रतिनिधियों के लिए कुबेर से कम नहीं। जी हां हम बात कर रहे हैं सूरजपुर वन मंडल के रामानुजनगर वन परिक्षेत्रअधिकारी की जिनका तबादला हुए तकरीबन माह भर से ऊपर हो गए किंतु उच्च अधिकारियों की क्या बिसात जो इस लक्ष्मी पुत्र को रिलीव करने की हिम्मत कर सके,,, भले ही वह निर्वाचन आयोग के निर्देश क्यों ना हो, यह बताना लाजिमी होगा कि आखिर इस रेंजर के लिए करोड़ों के आसामी और लक्ष्मी पुत्र की संज्ञा का शाब्दिक उपयोग आखिर क्यों किया गया है। बता दे यह वही रेंजर है जिन्होंने बिना संवैधानिक अधिकार के प्रतापपुर रेंजर रहते हुए कई वन प्रबंधन समितियां के नाम से लाखों का वारा न्यारा किया था,,, जंगल भ्रमण के नाम पर फर्जी मिनिट्स बुक इसके साथ राज्य कैंपा, केंद्रीय मद और पिछले दो वर्षों से आवर्ती चराई हेतु मनरेगा से प्राप्त मत को भी नहीं छोड़ा इतना ही नहीं बड़े पैमाने पर उनके द्वारा वृक्षारोपण में करोड़ों का घोटाला बहुत बड़े जांच का विषय है,,,,,, इन सभी गंभीर आरोपों की फेहरिस्त प्रमाण सहित हमारे अगले अंक में,,,
आगामी अंक की कुछ झलकियां,,,,हर कार्य में मातहतों से 10 परसेंट कमीशन पत्रकारों के नाम पर
वृक्षारोपण के ऊपर करते हैं फिर से वृक्षारोपण
*अपने पुत्र के नाम से भी विभाग को पहुंचा रहे हैं आर्थिक क्षति,,
*कभी-कभी राज्य से बाहर जाते हैं उसे दौरान भी ऑन ड्यूटी रहते हैं
*दीगर जिले के पत्रकारों को देते हैं नोटों का बंडल,,,