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छत्तीसगढ़: सीएम भूपेश ने बना दिए पौने 4 साल में 6 जिले, जो कहा ,वो पूरा किया

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रायपुर । छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री लगातार अपना फायदा निभा रहे हैं। हाल ही में उन्होंने दो नये जिलों के शुभारंभ के साथ ही छत्तीसगढ़ में जिलों का शुभारभ किया था,जिसके बाद प्रदेश में जिलों की कुल संख्या 33 हो गई है। बीते पौने 4 सालों के दौरान 06 नये जिले, 85 नयी तहसीलें, अनेक अनुविभाग तथा उपतहसीलों का गठन किया जा चुका.

छत्तीसगढ़ में सरकार बनने के बाद मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने ‘सहज प्रशासन-सरल जीवन’ की नीति पर चलते हुए प्रशासनिक कामकाज और प्रक्रियाओं के सरलता लाने का वादा किया था। उन्होने प्रदेश में कई योजनाएं लांच की,जिसका फायदा लोगों को मिल रहा है,लेकिन चुनौती थी,लोगो की सालों से रुकी विभिन्न जिलों की मांगों को भी पूरा करने की जिसे उन्हें पूरा किया है।

वर्ष 10 फरवरी 2020 को सीएम बघेल ने गौरेला-पेंड्रा-मरवाही जिले के गठन के साथ इस वादे को पूरा करने की शुरुआत की। इसके बाद 15 अगस्त 2021 को उन्होंने फिर 05 और नये जिलों के गठन की घोषणा की थी। गुजरे 02 सितंबर को सबसे पहले मोहला-मानपुर-अंबागढ़ चौकी जिले का शुभारंभ उन्होंने किया। दूसरे दिवस ही यानि 03 सितंबर को सारंगढ़-बिलाईगढ़ और खैरागढ़-छुईखदान-गंडई नये जिले बने और जिलों की संख्या 31 तक जा पहुंच गई है । सप्ताहभर के भीतर मुख्यमंत्री बघेल ने मनेंद्रगढ़-चिरमिरी-भरतपुर और सक्ती जिलों के गठन का वादा भी पूरा कर दिया है ।

नये जिलों के गठन से स्थनीय जनता में बेहद उत्साह है। लोग कहते हैं कि मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने हमारे बरसों पुराने सपनों को सच कर दिया है। अब हमारे कइलाके में भी तेजी से विकास हो सकेगा व्यापार, व्यवसाय और रोजगार के मौकों में भी बढ़ोतरी होगी। प्रशासन तक लोगों की पहुंच सरल हो जाएगी, इससे हमे भी सरकार की योजनाओं का लाभ भी शीघ्रता से मिलेगा। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल को लगातार उनके क़दमों के लिए देशभर से सराहना मिल रही है।

हाल ही में उन्होंने अपनी एक मासिक रेडियो वार्ता लोकवाणी में छत्तीसगढ़ सरकार की बुनियादी ढांचे के विकास के लिए शुरू हुई योजनाओं पर बात करते हुए कहा था कि प्रशासनिक इकाई के रूप में जिलों को महत्व देना जरुरी था। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कहा था कि छत्तीसगढ़ की कांग्रेस सरकार ने जनता की मांग के अनुरूप अपना वादा निभाते हुए कम समय में ही कई नए जिले बनाए हैं। इसके साथ ही जिला स्तर पर योजनाएं, कार्यक्रम और अभियान संचालित करने के लिए खुली छूट दी है, ताकि वहां की जनता की अपेक्षा के अनुरूप काम करने में जिला प्रशासन अधिक सक्षम हो सके।

वाकई में किसी जिले के गठन के बाद वहां पूरा तंत्र तैयार करना सरल काम नहीं होता,लेकिन मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की दूरदृष्टि की बदौलत योजनाबद्ध तरीके से 6 जिलों का गठन करके उसे जनता को सौंपा देना अपने आप में एक मिसाल है कि कुछ करना चाहो, तो कठिन से कठिन काम संभव है। नए जिलों के लोगों को अब अपने जरुरी सरकारी कामकाज के लिए उन्हें दूर नहीं जाना पड़ेगा, निकट में ही सभी जिला सरकारी कार्यालय होने से स्थानीय स्तर पर ही कार्य हो जाएंगे। इससे वक़्त और पैसों की बचत होगी। पर्यटन महत्व के स्थानीय स्थलों को नई पहचान मिलेगी और पर्यटन-उद्योग का विकास हो पायेगा।

वाकई में किसी जिले के गठन के बाद वहां पूरा तंत्र तैयार करना सरल काम नहीं होता,लेकिन मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की दूरदृष्टि की बदौलत योजनाबद्ध तरीके से 6 जिलों का गठन करके उसे जनता को सौंपा देना अपने आप में एक मिसाल है कि कुछ करना चाहो, तो कठिन से कठिन काम संभव है। नए जिलों के लोगों को अब अपने जरुरी सरकारी कामकाज के लिए उन्हें दूर नहीं जाना पड़ेगा, निकट में ही सभी जिला सरकारी कार्यालय होने से स्थानीय स्तर पर ही कार्य हो जाएंगे। इससे वक़्त और पैसों की बचत होगी। पर्यटन महत्व के स्थानीय स्थलों को नई पहचान मिलेगी और पर्यटन-उद्योग का विकास हो पायेगा।

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