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छत्तीसगढ़ के कृषि विश्वविद्यालय में कुलपति बदलने की मांग ,सीएम भूपेश ने किया समर्थन

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रायपुर, । छत्तीसगढ़ को धान का कटोरा कहते है, लेकिन यहां कृषि विश्वविद्यालय के मसले पर बवाल मचा हुआ है। दरअसल रायपुर स्थित इंदिरा गांधी कृषि विश्वविद्यालय में छत्तीसगढ़िया कुलपति बनाने की मांग पर ज़ोर पकड़ रही है। मामला सीएम हाउस तक जा पहुंचा है और सीएम बघेल ने भी इस मांग का समर्थन किया है।

दरअसल छत्तीसगढ़ के कृषि विश्वविद्यालय में बीते कुछ दिनों से छत्तीसगढ़ के कुलपति बनाने की मांग को लेकर चर्चा तेज है। यूनिवर्सिटी के प्रिंसिपल और छात्रों ने राजभवन तक अपनी मांग पहुंचाई है। छत्तीसगढ़ के बाहर के कुलपति को स्थापित करने का विरोध तेज होता जा रहा है। इंदिरा गाँधी कृषि विश्वविद्यालय छत्तीसगढ़ की एकमात्र एग्रीकल्चर यूनिवर्सिटी है। स्थानीय कुलपति के मांग करने वाले गजेंद्र चंद्राकर के कहा कि इंदिरा गांधी कृषि विश्वविद्यालय में छत्तीसगढ़ का कुलपति नियुक्त किया जाना चाहिए। हमने राज्यपाल से भी मांग की हैं, लेकिन किसी प्रकार की कोई सुनवाई नहीं होने के कारण हम विरोध कर रहे हैं। छत्तीसगढ़ में कई योग्य प्रोफेसर हैं, जिनको कुलपति पद की जिम्मेदारी दी जा सकती है,लेकिन कृषि विश्वविद्यालय में बाहरी कुलपति को ही नियुक्त किया जा रहा है।

दरअसल छत्तीसगढ़ के एकमात्र कृषि विश्वविद्यालय में लम्बे समय से स्थानीय कुलपति की मांग रही है। इंदिरा गांधी कृषि विश्वविद्यालय में कुलपति डॉ. एस. के. पाटिल का कार्यकाल समाप्त होने से पहले ही कुलपति चयन के लिए एक कमेटी बनाई गई थी ,जिसकी सिफारिशों को दरकिनार कर दिया गया। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने भी यूनिवर्सिटी के प्रोफेसरों की तरफ से स्थानीय कुलपति की मांग का समर्थन किया है। सीएम भूपेश बघेल ने कहा है कि स्थानीय कुलपति की मांग वाजिब है। छत्तीसगढ़ में प्रतिभाओं की कमी नहीं है,लेकिन यह मसला राज्यपाल की नजर में होना चाहिए। टीचर्स और स्टूडेंट्स के प्रतिनिधिमंडल ने राज्य के कृषि मंत्री रविंद्र चौबे से मुलाकात भी की है। रविंद्र चौबे का का कहना है कि विश्वविद्यालय में छत्तीसगढ़ का ही कुलपति नियुक्त किया जाये ,यह सरकार भी चाहती है ।

छत्तीसगढ़ राज्य आंदोलनकारी, छत्तीसगढ़ी बेरोजगार संघ,छत्तीसगढ़ संयुक्त किसान मोर्चा ने भी मुख्यमंत्री,कृषि मंत्री द्वारा कृषि विश्वविद्यालय में छत्तीसगढ़िया कुलपति की मांग का समर्थन किया है।राज्य आंदोलनकारी किसान मोर्चा के अध्यक्ष अनिल दुबे ने कहा है कि राज्य आंदोलन के दौरान हम लोग सड़क की लड़ाई लड़ते हुए हजारों की तादात में जेल भरो आंदोलन किया है।अब समय आ गया है कि छत्तीसगढ़ राज्य में सरकारी, निजी संस्थानों सहित समस्त कल कारखानों में छत्तीसगढ़िया बेरोजगारों को प्राथमिकता देने के लिए राज्य सरकार कानून बनाये और उसे कड़ाई से पालन भी कराये।

कृषि विश्वविद्यालय में स्थानीय कुलपति की मांग का मुद्दा गरमाता ही जा रहा है। शुक्रवार को कृषि विश्वविद्यालय ने नोटिस करके राजभवन में आयोजित प्रदर्शन में शामिल होने वाले शिक्षकों की सूची मांगी गई है। नोटिस में विश्वविद्यालय की छवि धूमिल होने के साथ राजभवन की गरिमा को ठेस पहुंचाने का तर्क दिया गया है। नोटिस के वक़्त को देखते हुए चर्चा तेज हो गई कि कुलपति नियुक्ति को लेकर राजभवन और सरकार के बीच एक बार फिर टकराव के हालात बनते जा रहे हैं।

इधर इस मामले में विपक्ष भी चुप नहीं है। कृषि विश्वविद्यालय में कुलपति के भर्ती के विषय में नेता प्रतिपक्ष धरमलाल कौशिक ने कहा है कि कांग्रेस सभी विषयों पर राजनीति करती है। उन्होंने कहा कि अब यह कांग्रेस शिक्षा के क्षेत्र में राजनीति ना करें ,इसे राजनीति का अखाड़ा ना बनाएं। कुलपति के पद के लिए जो योग्यता चाहिए ,उसके मापदंड तय है। उसी के आधार पर भर्ती होती है। कौशिक ने कहा कि जब से कांग्रेस की सरकार आई है, छत्तीसगढ़ में शिक्षा के रैंकिंग बिगड़ गई है। इसलिए शिक्षा के क्षेत्र में यह सरकार राजनीति ना करें।

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