रायपुर। छत्तीसगढ़ के बीजापुर में तर्रेम क्षेत्र के जीरागुडेम गांव के पास नक्सलियों द्वारा किए गए हमले में पिछले दिनों सुरक्षाबलों (पुलिस और सीआरपीएफ) के 22 जवान शहीद हो गए। वहीं, कई नक्सली भी मारे गए। इधर, जवानों की शहादत के बाद सरकार एवं सुरक्षा स्तर के अधिकारियों पर काफी दवाब है। इस बीच छत्तीसगढ़ (बीजापुर) के एक पत्रकार गणेश मिश्रा ने नक्सलियों से हुई अपनी बातचीत के बारे में मीडिया को जानकारी दी है।
पत्रकार गणेश मिश्रा ने कहा, “मुझे नक्सलियों से दो फोन आए कि एक जवान उनकी हिरासत में है। उन्होंने मुझे बताया कि मुठभेंड़ के दौरान जवान को गोली लगी थीं। उसे उपचार दिया गया है और अगले 2 दिनों में उसे रिहा कर दिया जाएगा।” पत्रकार के मुताबिक नक्सलियों ने यह भी कहा कि उक्त जवान का एक वीडियो और फोटो जल्द ही जारी किया जाएगा। ज्ञातव्य है कि पिछले काफी समय से नक्सली सरकार पर बातचीत का दवाब बना रहे हैं। 3 अप्रैल को हुई मुठभेड़ के बाद भी नक्सलियों ने सरकार से मध्यस्थों के नाम जारी करने की मांग की है। ऐसे समय में नक्सली स्थानीय पत्रकारों के जरिए भी अपनी बातें उजागर कर रहे हैं।
सुरक्षाबलों से टकराव के तीसरे दिन मंगलवार को नक्सलियों ने एक प्रेस नोट भी जारी किया था। जिसमें उन्होंने सुरक्षाबलों के जवानों के 14 हथियार और 2000 से ज्यादा कारतूस ले जाने का दावा किया। यह भी लिखा कि उनके साथी नक्सली ओड़ी सन्नी, कोवासी बदरू, पदाम लखमा, माड़वी सुक्खा व नूपा सुरेश मारे गए हैं। जिनमें से एक नक्सली सन्नी की लाश उनके हाथ नहीं लगी। मालूम हो कि, पुलिस एवं सुरक्षाबल के जवान कई सालों से बस्तर के सबसे दुर्दांत नक्सली हिड़मा को टारगेट कर सर्च ऑपरेशन चला रहे हैं। वहीं, नक्सली हिड़मा को बचाने और सरकार को झुकाने की कोशिश करते रहे हैं।