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गरीबों के लिए संजीवनी बन रहा मनरेगा निर्माण कार्य,,,

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करंजी-गरीबों के कल्याण में मनरेगा अहम भूमिका निभाती हुई। देश के गरीब परिवारों की आर्थिक स्थिति स्तर सुधारने और बेहतर जीवन यापन के लिए सरकार की कई सरकारी योजना संचालित करती है इस योजना में से एक है, मनरेगा योजना।मजदूरों के जीविकोपार्जन का सशक्त माध्यम बनता जा रहा है, मनरेगा। ग्राम पंचायत में मजदूरों के लिए ,गरीब परिवार के लिए मनरेगा कई ऐसे योजनाएं लाती है ,ताकि गरीबों को मजदूरी मिल सके। इस योजना के तहत मेड बंधान, डबरी निर्माण कार्य ,30-40 कार्य, समतलीकरण ऐसे कई अन्य कार्य है ,जिससे मजदूरों को मजदूरी मिल सके। मनरेगा भारत सरकार द्वारा लागू किया गया एक रोजगार गारंटी योजना है। जिसे 7 सितंबर 2005 को विधान सभा द्वारा अधिनियमित किया गया। लोगों को मजदूरी मिल सके और ग्रामीण मजदूरों का पलायन रोका जा सके। इसके बाद 2 फरवरी 2006 को 200 जिलों में शुरू किया गया शुरुआत में इसे राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी अधिनियम (नरेगा )कहा जाता था ,लेकिन 2 अक्टूबर 2009 को इसका नाम बदलकर महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी अधिनियम कर दिया गया। मनरेगा योजना विश्व की एकमात्र ऐसी योजना जो 100 दिन रोजगार गारंटी देती है। इस योजना के संचालन के लिए केंद्र सरकार ने देश के गरीब परिवारों के लिए कई हजार करोड़ रुपए आवंटित करती है ।देश के गरीब और बेरोजगार परिवार अपनी आजीविका के लिए इस योजना का लाभ उठा सकें। ऐसे कमजोर आय वर्ग के लोगों को उनके ही ग्राम पंचायत में रोजगार दिया जाता है ,इस से पलायन की समस्या को भी काफी हद तक रोका जा सकता है।विपरीत परिस्थितियों में भी मनरेगा गरीबों के लिए वरदान साबित हुई है। वित्तीय वर्ष 22 23 की कार्य योजना तैयार कर ली गई है।

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