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क्या कुंडली मारकर बैठे खाद्य अधिकारी को मिलेगी जिले से रवानगी, क्या सूरजपुर जिले के तीनों विधायक इस खाद्य अधिकारी पर लेंगे संज्ञान.

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जिला खाद्य अधिकारी पर है समिति प्रबंधक से साठ गांठ कर किसानों को परेशान करने का आरोप.

सूरजपुर / सूरजपुर जिले के सबसे चर्चित खाद्य अधिकारी जिनका स्थानांतरण पूर्व में हो चुका है पर अभी तक उनकी रवानगी नहीं मिल रही क्योंकि इनका प्रभाव इतना है कि वह कलेक्टर को बोलकर अपनी रवानगी रुकवा कर रखी है ताकि इस सीजन का धान खरीदी भी उनके नेतृत्व में हो सके और किसानों को समिति प्रबंधक परेशान करके इनकी डिमांड पूरी कर सकें। इस समय धान खरीदी चल रहा है और खाद्य अधिकारी नहीं चाहते कि उन्हें रवानगी अभी मिले यही वजह है कि वह अपने जुगाड़ से अपनी रवानगी रुकवा कर रखे हुए हैं, जबकि इनका स्थानांतरण आचार संहिता से पहले हो चुका था फिर भी यह यहां से नहीं गए, अब विधानसभा चुनाव भी संपन्न हो गया है अब जहां इन्हें कलेक्टर सूरजपुर द्वारा रवानगी की देनी चाहिए थी पर वह भी अभी रवानगी ने नहीं दे रहे, अब इसकी वजह चाहे जो भी हो पर जिले के लोग चाह रहे हैं कि इन्हें रवानगी तत्काल मिले ताकि किसानों को परेशान ना होना पड़े। वैसे खाद्य अधिकारी काफी चर्चित है और इन्हें बात करने की तमीज नहीं है यह नेता हो या पत्रकार सभी से बदतमीजी से बात करते हैं, जिसकी शिकायत भी कई बार मौखिक रूप से कलेक्टर को की गई है फिर भी कलेक्टर इन पर मेहरबान क्यों है यह समझ के परे है?

सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार जिला खाद्य अधिकारी धान खरीदी केंद्र के समिति प्रबंधक से काफी डिमांड करते हैं जिस डिमांड को पूरा करने के लिए समिति प्रबंधक किसानों को परेशान करते हैं और उन्हीं से उगाही करके उनके डिमांड पूरी होती है, यही वजह है कि जिला खाद्य अधिकारी अपनी रवानगी नहीं ले रहे और धान खरीदी होने तक रुकना चाह रहे हैं, उनके रुकने से किसानों को परेशानी हो सकती है क्योंकि उनके दबाव में समिति प्रबंधक किसानों को ही परेशान कर उनसे अनाप-शनाप पैसे वसूल रहे हैं, एक समिति प्रबंधक ने नाम ना बताने के शर्त पर बताया कि जिला खाद्य अधिकारी काफी परेशान करते हैं और उनके डिमांड भी काफी है यदि किसानों से हम नहीं लें तो उनको अपने तनख्वाह से कहां से दें,अब ऐसे सवाल उठता है कि जब सरकार किसानों के हितेषी है तो फिर तबादले के बाद भी जमे हुए खाद्य अधिकारी को क्यों नहीं हटा पा रही? जबकि कई ग्रामीणों ने सच्चाई आरोप लगाया जांच केवल नाम के लिए जब संरक्षण हो तो क्यों ना गरीबों का हो राशन का बंदर बाट हो….. क्षेत्रीय विधायक ने जताया नाराजगी बाकी….जबकि साहब का तबादला दूसरे जिला में हो गया था लेकिन साहब सोचे मौका है…. बाद में… नहीं मिलेगा मौका…

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