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कोरोना से अपनी जान गवाने वाले कोयला कर्मचारियों को भी, एक करोड़ की अनुग्रह राशि मिलनी चाहिए- कामरेड हरिद्वार सिंह

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डॉ प्रताप नारायण: दिल्ली सरकार ने covid-19 से मरने वालों को एक करोड़ रुपया देने का अपने कैबिनेट निर्णय संख्या 2835 देना 13 मई 2020 में फैसला किया है ।हम सरकार के इस फैसले का स्वागत करते हैं साथ में भारत सरकार से अनुरोध करते हैं  कि कोयला मजदूर 24 घंटे 8 घंटे पल्ली  मॆं काम करता है ।यदि कोयला मजदूर कोयला ना निकाले तो देश अंधेरे में डूब जाएगा ।यहां तक कि कोविद अस्पतालों में वेंटिलेटर ऑक्सीजन जितनी प्रकार की मशीनें संचालित हैं सब बिजली आधारित है यह जानते हुए भी कि मजदूरों का कोयला उद्योग में काम करना उनके जान के लिए खतरनाक है।

जैसे सीमा पर जवान मुस्तैद खड़ा रहता है उसको नहीं मालूम कि दुश्मन कब हमला करेगा और उसका सामना करने में कब उसकी  जान चली जाएगी इसी तरह से कोयला मजदूर जान हथेली पर लेकर काम करता है उसे भी नहीं मालूम कि कब उसकी जान चली जाएगी। तमाम प्रयासों के बावजूद भी सामाजिक दूरी का पालन नहीं हो सकता है खदान के भीतर ऑक्सीजन की कमी आमतौर से रहती है ।स्वच्छ वातावरण का अभाव रहता है सुदूर जंगल में खदान होने की वजह से अच्छी सर्व सुविधा युक्त अस्पताल से मजदूर सौ , 200 किलोमीटर दूर रहता  है इस  स्थिति में कब उसकी जान  चली जाती है और उसका परिवार अनाथ हो जाता है ।

विगत वर्ष कोयला मंत्री भारत सरकार ने 15 लाख रुपया मृत परिवार के आश्रित को देने की घोषणा की थी जो बहुत कम है। हमें ऐसा लगता है कि दिल्ली सरकार का अनुकरण करते हुए भारत सरकार को कोयला मजदूरों के लिए तत्काल एक करोड़ रुपया देने की घोषणा करनी चाहिए। Indian mines worker Federation के उपाध्यक्ष एसईसीएल एटक के महामंत्री एटक मध्य प्रदेश के अध्यक्ष कामरेड हरिद्वार सिंह ने भारत सरकार के कोयला मंत्री को पत्र लिखकर के मांग किया है की तत्काल कोयला मजदूरों के लिए कोविड-19 से मरने के उपरांत एक करोड़ रुपए देने की घोषणा करें। मैं अस्पतालों में काम करने वाले नर्सेज ,डॉक्टर ,पैरामेडिकल स्टाफ ,सुरक्षाकर्मी एवं अन्य संबंधित लोगों को सैल्यूट करता हूं कि इस महामारी में मानवता की सेवा में दिन रात एक कर रहे हैं और लोगों की जान बचा रहे हैं। और दिल्ली सरकार ने उनके पक्ष में उचित फैसला किया है इसी तरह से कोयला मजदूर विशेष प्रकार की परिस्थिति में काम करता है उसको भारत सरकार को हर हाल में एक करोड़ रुपए अनुग्रह राशि देने की घोषणा करनी ही चाहिए अन्यथा कोयला मजदूरों के साथ भारत सरकार द्वारा बहुत बड़ा अन्याय किया जा रहा है ।

मैं समझता हूं कि एटक की इस अपील  को सरकार गंभीरता से लेगी। कोयला उद्योग में कोविड-19 से अब तक सैकड़ों कर्मचारियों एवं अधिकारियों की जान जा चुकी है आशा है कि भारत सरकार कोयला मजदूरों के इस बांग को तत्परता से हल करने में पहल करेगी।

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