एस.एम.पटेल
वाड्रफनगर/बलरामपुर
बलरामपुर जिले के वन परिक्षेत्र वाड्रफनगर अंतर्गत वन कक्ष क्र. पी. 690 में कूप कटाई के संबंध में प्रदर्शन सह प्रशिक्षण दिया गया। इस प्रशिक्षण में वन क्षेत्रों में कार्य आयोजना के अनुसार एस.सी.आई./आई.डब्ल्यू.सी. कूपों की कटाई हेतु वृक्षों की सीमांकन, वृक्षों की मार्किंग, वृक्षों की गणना का प्रदर्शन सह प्रशिक्षण कार्य उप वनमण्डलाधिकारी वाड्रफनगर एस.सिंहदेव के द्वारा दिया गया । उप वनमण्डलाधिकारी वाड्रफनगर द्वारा बताया गया कि वन क्षेत्रों में वनों के विकास हेतु कूप की कटाई करने से पूर्व उस कूप का सीमांकन कार्य 1 वर्ष पूर्व किया जाता है, जिसमें सीमा का निर्धारण, वन कक्ष क्रमांक में बने पक्के मुनारों एवं निर्मित नदी, नालों को घुमकर कूप एरिया का निर्धारण किया जाता है तथा जी.पी.एस. मशीन एवं बीट नक्शा से मिलान कर कूप का क्षेत्रफल निकाला जाता है, इसके पश्चात सीमा लाईन पर 3 मीटर चौड़ी पट्टी लाईन -सफाई कर अधिकतम 200 मीटर दूरी पर 31-40 के अन्य प्रजाति के खूटा गाड़कर सीमांकन किया जाता है। तत्पश्चात कूप में मार्किंग कर वृक्षों की गणना की जाती है कि
इसमें कौन से वृक्ष की गणना करना कौन सी नहीं करनी है का वैज्ञानिक पद्धति से वृक्षो की कटाई के संबंध बताया गया कि ऐसे सभी वृक्ष जिनमें पक्षियों के घोंसले एवं छोटे प्राणियों के वास हों उन्हे पातन हेतु चिन्हांकित नही किया जावेगा। उपरोक्त विन्दू के वृक्षों को शामिल करते हुये प्रति हेक्टेयर कम से कम दो सूखा/मृत वृक्ष पक्षियों के आश्रय हेतु छोड़ दिया जाता है। यदि वृक्ष शाखा युक्त हो तो उसे प्राथमिकता दी जावेगी। कूप कटाई वर्ष से 5 वर्ष की अवधि तक विदोहित किये गये कूपों में सालबीज के संग्रहण एवं मवेशी चराई पर प्रतिबंध रहेगा ताकि, पुनरूत्पादन पर कोई विपरीत प्रभाव न पड़ें, एवं संरक्षण योग्य क्षेत्र एवं वृक्षारोपण क्षेत्र तथा फलदार प्रजाति के वृक्षों को छोड़कर पातन हेतु चिन्हांकित किया जावेगा, इस प्रकार कूप कटाई के संबंध में विस्तृत प्रशिक्षण दिया गया। इस दौरान प्रशिक्षण में वनमण्डल बलरामपुर अंतर्गत वन परिक्षेत्राधिकारी वाड्रफनगर अशोक तिवारी, रघुनाथनगर रामशरण राम, धमनी अजय वर्मा, चांदो अमूल्यरतन राय, कुसमी राकेश रावत एवं शंकरगढ़ से अखिलेश जायसवाल तथा सभी परिक्षेत्र से कूप प्रभारी एवं सहायक कूप प्रभारी एवं अन्य कर्मचारी उपस्थित रहे। .