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छत्तीसगढ़: इलाज के आभाव में पंडो जनजाति के मासूम बच्चे की मौत, आखिरी सांस तक नहीं पहुंची एंबुलेंस

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बलरामपुर- रामानुजगंज: छत्तीसगढ़ की स्वास्थ्य व्यवस्थाओं को लगातार आईना दिखाती हुई घटनाएं सामने आती रहती हैं। एक ओर जहां डायल 112 सेवा को अवार्ड दिए जा रहे हैं तो वहीं दूसरी ओर ग्रामीण इलाकों में लोग एंबुलेंस व इलाज के अभाव में अपनी जान से हाथ धोने पर मजबूर है। ऐसा ही एक मामला बलरामपुर जिले के रामचंद्रपुर ब्लाक के ग्राम सिलाजू का है जहां एंबुलेंस के इंतजार में डेढ़ वर्षीय मासूम ने अपनी जान गवा दी।

प्राप्त जानकारी के अनुसार ग्राम पंचायत सिलाजु में पंडो जनजाति के डेढ़ वर्षीय मासूम की इलाज के आभाव में मौत हो गई। यदि समय रहते मासूम को इलाज मिल गया रहता तो जान बच सकती थी। ग्राम पंचायत सिलाजु के यादव पारा में रहने वाले विनोद पंडों का डेढ़ वर्षीय पुत्र सूरज पंडो निमोनिया से पीड़ित था। उसे सांस लेने में दिक्कत हो रही थी, जिसके इलाज के लिए परिजन रामानुजगंज सीएचसी लाना चाहते थे।

उन्होंने इसके लिए 108 में फोन करने का बहुत प्रयास किया पर फोन नहीं लग सका। 112 में कॉल पर किसी ने रिसीव नहीं की। इसके बाद इसकी सूचना सनावल में 108 के कर्मचारी को दी गई पर इसके बाद भी मौके पर 108 नहीं पहुंची। इससे इलाज के अभाव ने मासूम की जान चली गई। परिजन मासूम के इलाज कराने के लिए शुक्रवार की रात लगभग 9 बजे सिलाजु से रामानुजगंज रोड में आकार लगातार 108 एवं 112 में संपर्क करने की कोशिश करते रहे परंतु संपर्क नहीं हो पाया और रात 11:30 बजे उसकी मौत हो गई।

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