महेश कुमार(IRN.24)
दतिमा मोड़ /छुट्टा और आवारा पशु बहुत समय से ग्रामीण क्षेत्र के लोगों के लिए मुसीबत का सबब बने हुए हैं। किसानों का खेती नष्ट कर रहे है जो सबसे बड़ी समस्या है। इन दिनों इस समस्या ने प्रशासन ने भी पैर पसार लिये हैं। छुट्टा जानवरों की समस्या किसी एक इलाके की नहीं है। प्रशासन आवारा पशुओं की स्थिति से वाकिफ होने के बावजूद आवारा पशुओं की समस्या से निजात दिलाने में असहाय साबित हो रहा है तथा पूरी तरह बेबस नजर आ रहा है।दतिमा के आस पास राई,कुन्दा झूमरपारा बतरा कमलापुर सलका अघिना इत्यादि ग्राम पंचायत के जनप्रतिनिधियों के द्वारा बैठक की गई एवं कलेक्टर से मुलाकात करने विचार की गई। ग्रामीण बस किसी तरह इन छुट्टा जानवरों से छुटकारा पाना है। गौठान तो ज्यादातर जगहों पर खत्म हो चुके हैं। गौशालाओं में न तो इंतजाम हैं और न पशु रखने की जगह। वहां भी पशुओं की असमय मौत हो रही है।