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अनुसूचित जनजाति प्री मैट्रिक कन्या छात्रावास सूरजपुर में विधिक जागरूकता शिविर का आयोजन किया गया

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सूरजपुर– माननीय श्रीमती विनीता वार्नर, प्रधान जिला एवं सत्र न्यायाधीश / अध्यक्ष जिला विधिक सेवा प्राधिकरण सूरजपुर, के मार्गदर्शन में आज अनुसूचित जनजाति प्री मैट्रिक कन्या छात्रावास सूरजपुर में विधिक जागरूकता शिविर का आयोजन किया गया। आज के कार्यक्रम में माननीय श्री आनंद प्रकाश वारियाल, जिला अपर सत्र न्यायाधीश, फास्ट ट्रैक विशेष न्यायालय सूरजपुर उपस्थित रहे।आज के कार्यक्रम में श्री आनन्द प्रकाश वारियाल ने लैंगिक अपराधों से बालकों का संरक्षण अधिनियम 2012 के संबंध में जानकारी देते हुए देश की राजधानी दिल्ली में घटित घटना निर्भया कांड के नाम से चर्चित घटना का उदाहरण पेश करते हुए पोक्सो अधिनियम के अंतर्गत दिए प्रावधानों की जानकारी उपस्थित छात्राओं को विस्तार बताते हुए बताया कि 16 से 18 वर्ष के बीच का व्यक्ति अगर कोई अपराध करता है तो उसकी सजा पर किशोर न्याय अधिनियम 2015 लागू होता है. इस अधिनियम के अनुसार, किशोर न्याय बोर्ड यह तय करता है कि क्या किशोर को वयस्क की तरह या नाबालिग की तरह सजा दी जाए. अगर बोर्ड यह तय करता है कि किशोर को वयस्क की तरह सजा दी जानी चाहिए, तो उसे भारतीय दंड संहिता (IPC) के तहत सजा सुनाई जा सकती है। उन्होंने आगे जानकारी देते हुए कहा हमे अपने मोबाइल का उपयोग बड़ी सावधानी के साथ करना चाहिए, उन्होंने सोशल मीडिया और वीडियो कॉल का दुरुपयोग कर अपराधियों, द्वारा ब्लैकमेल कर कारीत अपराधों का उदाहरण पेश करते हुए सूचना प्रौद्योगिकी अधिनियम, 2000 में दिए प्रावधानों के संबंध में विस्तार से जानकारी प्रदान की

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