नई दिल्ली: ‘ड्रग कंट्रोलर जनरल ऑफ इंडिया’ (DCGI) ने इंट्रानैसल बूस्टर डोज ट्रायल के लिए भारत बायोटेक को मंजूरी दे दी है। बता दें कि इससे पहले हैदराबाद स्थित कंपनी भारत बायोटेक ने उन लोगों के लिए बूस्टर डोज लगाने का प्रस्ताव दिया है जिन्हें पहले से ही कोविशील्ड और कोवैक्सीन वैक्सीन लगाई गई है। भारत बायोटेक का लक्ष्य 5,000 लोगों पर क्लिनिकल ट्रायल करना है. इसमें 50 फीसदी कोविशील्ड और 50 फीसदी कोवैक्सीन लगवाए हुए लोग शामिल होंगे। सूत्रों ने बताया है कि दूसरी डोज और तीसरी डोज के बीच में छह महीने का गैप हो सकता है. सूत्रों के अनुसार, अगर ट्रायल समय पर किए जाते हैं तो भारत को मार्च में इंट्रानैसल बूस्टर वैक्सीन मिलने की उम्मीद है। ऐसे में इससे कोरोना के खिलाफ लड़ाई और मजबूत होगी।
नोवेल एडेनोवायरस वेक्टर पर आधारित BBV154 कोविड-19 के खिलाफ एक इंट्रानैसल वैक्सीन है, जो IgG, म्यूकोसल IgA और टी सेल रिस्पांस को बेअसर करने के लिए इम्युन सिस्टम को तैयार करती है, खास बात यह कि यह नोवल कोरोनावायरस के संक्रमण और फैलने दोनों को रोकने में कारगर है, चूंकि यह टीका सुई मुक्त है, इसलिए इससे चोटों और संक्रमणों का खतरा कम हो जाता है।