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नवा रायपुर आंदोलन के दौरान किसान की मौत का मामला, भूपेश सरकार ने दिए मजिस्ट्रेट जांच के आदेश

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रायपुर । नवा रायपुर में हुई किसान की मौत के मामले में भूपेश बघेल सरकार ने दण्डाधिकारिक जांच के आदेश जारी कर दिए हैं। छत्तीसगढ़ सरकार की तरफ से जारी बयान में कहा गया हैं कि किसानों के साथ मौजूद किसान सियाराम की दुःखद मृत्यु की दण्डाधिकारिक जांच होगी। कलेक्टर सौरभ कुमार ने इसके आदेश आज जारी किए है।

इसके लिए अतिरिक्त जिला दण्डाधिकारी एन आर साहू को जांच अधिकारी बनाया गया है। साहू किसान सियाराम पटेल की मृत्यु के कारण, मृत्यु किन परिस्थितियों में हुई आदि बिन्दुओ पर जांच करेंगे। जांच अधिकारी को जल्द से जल्द जांच पूरी कर प्रतिवेदन प्रस्तुत करने के निर्देश भी दिए गए है। उल्लेखनीय है कि 11 मार्च को ग्राम बरौदा थाना माना निवासी सियाराम पटेल की नवा रायपुर में एन आर डी ए भवन के पास आंदोलनरत किसानों के साथ मौजूदगी के दौरान आकस्मिक मृत्यु हो गई है। मृत्यु के कारणों की दण्डाधिकारिक जांच के आदेश कलेक्टर ने दिए है।

धरना दे रहे किसानों ने आयोजित किया था पैदल मार्च

गौरतलब है कि शुक्रवार को नवा रायपुर में 68 दिनों से धरना दे रहे किसानों ने पैदल मार्च आयोजित किया था। इस दौरान करीब 200 किसान इस मार्च में शामिल हुए थे। इस दौरान पुलिस ने किसानो को बीच मार्ग में रोकने के बाद किसान धरने पर बैठ गए थे। इसी धरने के दरमियान 66 बरस के किसान सियाराम पटेल बेहोश होकर गिर गए थे,जिनकी बाद में मौत हो गई। घटना के वक़्त स्वास्थ्य टीम ने किसान सियाराम की हालत गंभीर पाई गई थी, थोड़ी ही देर बाद किसान की मृत्यु हो गई । मृतक नवा रायपुर के बरोदा गांव के किसान थे ,वह भी नवा रायपुर डेवलपमेंट अथॉरिटी की तरफ ली गई पर जमीन पर मुआवजे और गांव के युवाओ के लिए रोजगार की मांग कर रहे थे। किसान की मौत के बाद छत्तीसगढ़ के किसान नेताओ ने सरकार के समक्ष नवा रायपुर के दिंवगत किसान सियाराम पटेल के परिवार को कम से कम 1 करोड़ रुपये का मुआवजा देने की मांग रखी है। छत्तीसगढ़ संयुक्त किसान मोर्चा के प्रवक्ता वैगेन्द्र सोनबेर ने कहा कि छत्तिसगर सरकार को किसान परिवार की तत्काल सुध लेनी चाहिए ,उन्हें शहीद का दर्जा दिया जाना चाहिए।

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