मुंबई। आयकर विभाग (Income Tax Department) ने बृहणमुंबई नगर निगम (बीएमसी) के कुछ ठेकेदारों, एक प्रमुख व्यक्ति और उनके सहयोगियों के यहां छापेमारी की. इसमें दो करोड़ रुपये की अघोषित नकदी और डेढ़ करोड़ मूल्य के गहने जब्त किए हैं. विभाग ने आज जारी बयान में कहा कि बीती 25 फरवरी को यह कार्रवाई की गई थी. यह छोपमारी 35 परिसरों पर की गई. छापेमारी के दौरान कई दस्तावेज, डिजिटल साक्ष्य और लूज पेपर जब्त किए गए हैं. इन साक्ष्यों से स्पष्ट पता चलता है कि इन ठेकेदारों और एक प्रमुख व्यक्ति के बीच सांठगांठ थी. इस दौरान तीन दर्जन ऐसी अचल संपत्तियों का पता चला है, जिनका मूल्य 130 करोड़ रुपए से ज्यादा है. ये संपत्तियां इन ठेकेदारों, के नाम पर हैं या उनके सहयोगियों के नाम हैं या बेनामी है.
छानबीन में यह भी पता चला है कि इसमें अंतरराष्ट्रीय हवाला लेनदेन हुआ और इसमें विदेशी क्षेत्र की अवैध धनराशि का भी उपयोग किया गया है. प्रारंभिक जांच में पता चला है कि इन ठेकेदारों ने 200 करोड़ रुपए से ज्यादा की आय को छुपाई हुई है. बता दें कि विशेष पीएमएलए अदालत ने महाराष्ट्र के मंत्री और NCP नेता नवाब मलिक की प्रवर्तन निदेशालय की हिरासत 7 मार्च तक बढ़ा दी है. दाऊद इब्राहिम मनी लॉन्ड्रिंग मामले में नवाब मलिक की हिरासत आज खत्म हो रही थी. स्पेशल कोर्ट ने उन्हें 8 दिनों की ईडी हिरासत में भेजा था. वहीं, नवाब मलिक ने अपनी गिरफ्तारी को अवैध बताते हुए. मुंबई उच्च न्यायालय में याचिका दायर की. जिस पर हाई कोर्ट में 7 मार्च को सुनवाई होगी.
बॉम्बे हाई कोर्ट में इस मामले को लेकर बुधवार को सुनवाई हुई. इस सुनवाई के दौरान ईडी ने नवाब मलिक की याचिका पर जवाब देने के लिए कोर्ट से वक्त मांगा. कोर्ट ने ईडी को 7 मार्च तक का समय दिया है. अब हाई कोर्ट में सात मार्च को सुनवाई होगी. मलिक ने सोमवार को बॉम्बे हाइ कोर्ट में याचिका दायर करते हुए यह दावा किया था कि उन पर ईडी की कार्रवाई राजनीतिक कारणों से हुई है. नवाब मलिक पर आरोप है कि उन्होंने मुंबई के कुर्ला स्थित मुनिरा प्लंबर की 300 करोड़ रुपए की जमीन 30 लाख रुपए में खरीदी थी और उसमें भी पेमेंट 20 लाख रुपए का किया गया था.