रायपुर| छत्तीसगढ़ राजनांदगांव से सटे हुए महाराष्ट्र के गढ़चिरौली में शनिवार को पुलिस ने विस्फोटक बनाने वाली सामग्री के साथ नक्सलियों के चार सहयोगियों को भी गिरफ्तार किया गया था । मामले में खुलासा हुआ कि नक्सली टीसीओसी अभियान के तहत बड़े नक्सली हमला करने के लिए विस्फोटक इकठ्ठा कर रहे हैं। पुलिस ने भंगरमपेथा गांव संदिग्ध लोगों को रोककर जांच की, तो उनके पास से भारी मात्रा में विस्फोटक बनाने वाली सामग्री मिली थी। जांच में पता चला कि नक्सली टीसीओसी अभियान के तहत किसी बड़ी वारदात को अंजाम देने के लिए तैयारी में जुटे हुए हैं। आइये आपको बताते है क्या होता है नक्सलियों का यह अभियान जिसको लेकर पुलिस और सुरक्षाबल चौकन्ने रहते हैं।
दरअसल टीसीओसी अभियान के दौरान में नक्सली बड़े हमले करते हैं। ताड़मेटला, बुर्कापाल, मदनवाड़ा ,झीरमघाटी नक्सल हमला समेत कई वारदात को नक्सलियों ने इसी अभियान के दरमियान अंजाम दिया है।दरअसल नक्सली गर्मी के मौसम में यानि दिसंबर के अंत से लेकर मई के महीने तक टी.सी.ओ.सी अभियान यानि Tactical Counter Offensive Campaign चलाते हैं। इस दौरान नक्सली अपने संगठन को मज़बूत करने के लिए भर्ती अभियान भी चलाते हैं। महत्वपूर्ण बात यह है कि इस दौरान नक्सली सरकारी अमले ,पुलिस ,सुरक्षाबलों और विकास कार्यों में लगे ठेकेदारों को अपना निशाना बनाते हैं। इस अभियान की तैयारी नक्सली गर्मी के मौसम की शुरुवात के साथ करने लगते हैं। पतझड़ का मौसम लगने के बाद माओवादी संगठनों में नई भर्तियां करके ट्रेनिंग कैम्प लगाए जाते हैं।
दरअसल इस समय नक्सलियों के लिए लिए फौज पर हमला करना काफी अनुकूल होता है। पतझड़ के मौसम में जंगल सूखने लगते है.घनापन कम होने से दूर तक देखने की क्षमता बढ़ जाती है,दूसरी बात इस दौरान जंगलों मे सर्चिंग के दौरान बीहड़ों में पानी की कमी से जवान जल्दी थक जाते है। इसी मौके का फायदा उठाकर माओवादी बड़े हमले प्लान करते हैं। हमले से फ़ोर्स को नुकसान पहुंचाने के अलावा नक्सलियों के कमांडर अपने नए लड़ाकों को हमलों में शामिल करके उनको फ़ोर्स को नुकसान पहुंचाकर हथियार लूटना भी सिखाते हैं। इसी दौरान तेंदूपत्ता संग्रहण का काम भी चलता है,लिहाजा नक्सली ठेकदारों पर दबाव डालकर वसूली पैसो को वसूली भी करते हैं।