रायपुर । छत्तीसगढ़ विधानसभा को जल्दी एक नया सदस्य मिलने जा रहा है । मिली जानकारी के मुताबिक विधानसभा के आगामी बजट सत्र में सरकार एक एंग्लो इंडियन विधायक को मनोनीत करने जा रही है। फिलहाल छत्तीसगढ़ विधानसभा में 90 विधायक हैं , मनोनीत विधायक के सदन में प्रवेश के साथ ही विधानसभा में विधायकों की संख्या 91 हो जाएगी।
विधानसभा में हो जायेंगे 91 विधायक छत्तीसगढ़ विधानसभा में सदन को 91वां और कांग्रेस को 71वां विधायक मिलने वाला है। भूपेश बघेल सरकार अगले सत्र में एंग्लो इंडियन समाज से एक विधायक मनोनीत करने जा रही है। यह बात लगभग तय मानी जा रही है कि अगले बजट सत्र में नए विधायक को शपथ दिलवा दी जाएगी।छत्तीसगढ़ विधानसभा में परंपराओं के मुताबिक हमेशा से ही एंग्लो इंडियन विधायक सदन का सदस्य रहा है, लेकिन 2018 में भूपेश बघेल सरकार आने के बाद से एंग्लो इंडियन विधायक का मनोनयन नहीं हो सका था । सरकार अब इस रुके हुए काम को अगले बजट सत्र में पूरा करने जा रही है।
कांग्रेस के पास हो जायेंगे 71 विधायक
अब सब कुछ दोबारा पटरी पर आने के बाद से ही कांग्रेस पार्टी से जुड़े हुए एंग्लो इंडियन समाज के लोग विधायक की नियुक्ति को लेकर लॉबिंग कर रहे हैं। लगभग एक दर्जन कांग्रेस नेता इस दावेदारी को लेकर सक्रिय हैं। मिली जानकारी के मुताबिक सबसे मजबूत दावेदार ने मुख्यमंत्री भूपेश बघेल और विधानसभा अध्यक्ष डॉ चरणदास महंत से मुलाकात करके अपना नाम भी तय करवा लिया है। सीएम बघेल इस संबंध में पार्टी हाईकमान से अप्रूवल लेने के बाद ही नाम का ऐलान करेंगे । छत्तीसगढ़ विधानसभा में अभी कांग्रेस के 70 विधायक हैं , मनोनीत विधायक के शपथ लेने के बाद कांग्रेस के पास कुल 71 विधायक हो जाएंगे।
3 साल से रुका हुआ है विधायक का मनोनयन
दरअसल सरकार बनने के बाद से ही कांग्रेस को कई चुनौतियों का सामना करना पड़ा है । मंत्रिमंडल गठन के बाद निगम मंडलों में नए सिरे से नियुक्तियों की कवायद रही हो या फिर असंतुष्ट नेताओं को सत्ता, संगठन में स्थान देकर उन्हें संतुष्टि देने का प्रयास रहा हो। सरकार और कांग्रेस संगठन बीते 3 सालों तक लगातार प्रबंधन में बेहद व्यस्त रहा है। इस बीच कोरोनाकाल ने भी काफी समय तक राजनीतिक नियुक्तियों को प्रभावित किया है।
कौन होते है एंग्लो इंडियन ,छत्तीसगढ़ में कितने बने विधायक
छत्तीसगढ़ राज्य बनने के बाद से अब तक 3 नेता ही एंग्लो इंडियन विधायक के तौर पर सदन का हिस्सा बन सके हैं। अजीत जोगी शासनकाल में इंग्रीड मैक्लाउड को सबसे पहली मनोनीत विधायक बनने का गौरव मिला था। वहीं रमन सरकार में रोजलीन बैकमेन , बर्नार्ड रोड्रिग्ज को एंग्लो इंडियन सीट से विधायक बनाया गया था।
गौरतलब है कि ऐसे भारतीय नागरिक जिनके माता-या पिता यूरोपीय मूल के है,लेकिन भारत के आजाद होने के बाद उन्होंने भारत को ही अपनी जन्मभूमि मानकर यही बसना स्वीकार किया ,उन्हें होने के एंग्लो इंडियन समुदाय का व्यक्ति माना जाता है। एक जानकारी के मुताबिक भारत मे मौजूदा स्थिति में 4 लाख से ज्यादा लोग इस समुदाय से ताल्लुकात रखते हैं,जबकि छत्तीसगढ़ में करीब दो हजार एंग्लो इंडियन भारतीय नागरिक हैं। नियमों के मुताबिक राज्य सरकार , मुख्यमंत्री और राज्यपाल की अनुशंसा के आधार पर विधानसभा में एंग्लो इंडियन समाज के एक विधायक का मनोनयन कर सकती है।