रायपुर। छत्तीसगढ़ की भूपेश बघेल सरकार की तरफ से प्रदेश भर में सरकारी स्कूलों में शिक्षा का स्तर ऊंचा करने के लिए स्वामी आत्मानंद अंग्रेजी मीडियम स्कूल खोले जा रहे हैं। छत्तीसगढ़ सरकार के इस प्रयास को राष्ट्रीय स्तर पर बड़ी सराहना मिल रही है, लेकिन विपक्ष को लगता है कि अंग्रेजी स्कूलों की वजह से हिंदी स्कूल बंद हो रहे हैं।
छत्तीसगढ़ विधानसभा के नेता प्रतिपक्ष धरमलाल कौशिक ने कहा है कि भूपेश बघेल सरकार की तरफ से राज्य में हिन्दी माध्यम के स्कूलों को बंद कर दिया जा रहा है, जिसके कारण छात्रों का भविष्य अधर में फंस गया है। उन्होंने कहा कि शिक्षा के विस्तार के लिए नए स्कूलों का खोला जाना जरूरी है, लेकिन इसको लेकर छत्तीसगढ़ की कांग्रेस सरकार की कोई तैयारी नहीं दिख रही है। भाजपा सरकार के समय प्रदेश में शिक्षा व्यवस्था को मजबूत करने के लिए कई सफल प्रयोग किए गए थे।
छत्तीसगढ़ विधान सभा के नेता प्रतिपक्ष धरमलाल कौशिक ने आकंड़े बताते हुए कहा कि साल 2003 में छत्तीसगढ़ में कुल 21082 स्कूल संचालित हो रहे थे, जो भाजपा की सरकार आने के बाद 2018 तक बढ़कर लगभग 60726 तक पहुंच गए थे। लेकिन प्रदेश में कांग्रेस की सत्ता आने के बाद स्कूल खोलने की जगह पुराने स्कूल भवन पर ही आत्मानंद विद्यालय को प्रारंभ किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि पहले से संचालित स्कूल भवनों में आत्मानंद स्कूल खोलकर प्रदेश की कांग्रेस सरकार वाहवाही लूट रही है, लेकिन उन स्कूलों में पढ़ने वाले छात्रों के भविष्य की चिंता प्रदेश की सरकार नहीं कर रही है।
नेता प्रतिपक्ष कौशिक ने कहा कि प्रदेश सरकार को आत्मानंद स्कूल के संचालन के लिए नए भवनों का निर्माण करना चाहिए, ताकि अध्यापन का कार्य सुचारू रूप से चल सके। हम कहीं भी शैक्षणिक संस्थाओं के उन्नयन व खुलने का विरोध नहीं करते हैं लेकिन प्रदेश सरकार को पूरी तैयारी के साथ आत्मानंद विद्यालय को प्रारंभ करने से पहले व्यवस्था की उचित समीक्षा करनी चाहिए।
उन्होंने कहा कि हिन्दी माध्यम के स्कूलों को जिस तरह से बंद किया जा रहा है उसका विरोध करते हैं। इन स्कूलों में हिन्दी के साथ अन्य भाषा की पढ़ाई होती, तो बेहतर होगा। जिस तरह से केन्द्र सरकार की तरफ से आवासीय एकलव्य और नवोदय विद्यालयों में पढ़ाई हो रही है। उस मॉडल में प्रदेश सरकार को आत्मानंद विद्यालय के विस्तार पर कार्य करना चाहिए।
नेता प्रतिपक्ष धरमलाल कौशिक के बयान पर छत्तीसगढ़ प्रदेश कांग्रेस कमेटी के संचार प्रमुख सुशील आनंद शुक्ला ने पलटवार करते हुए कहा कि नेता प्रतिपक्ष धरमलाल कौशिक जैसे नेता को गम्भीरता के साथ ही कोई भी बयान देना चाहिए।उन्होंने कहा कि धरमलाल कौशिक को यह नहीं भूलना चाहिए कि रमन सरकार के कार्यकाल में युक्ति युक्तकरण के नाम पर 980 स्कूलों को बंद कर दिया गया था, जबकि स्कूलों के बीच दूरियां कम होने का हवाला देते हुए लगभग 4000 स्कूल बंद कर दिए गए थे।
कांग्रेस नेता ने कहा कि भूपेश बघेल सरकार ने महज 3 साल में छत्तीसगढ़ में शिक्षा की गुणवत्ता को बढ़ाने के लिए कई कार्य किए हैं। सुकमा समेत संपूर्ण बस्तर वनांचल में बंद पड़े स्कूलों को खोलने का काम किया गया है। स्वामी आत्मानंद स्कूल की चर्चा पूरे देश में हो रही है। विपक्ष को बेवजह खामियां निकालने की जगह सरकार के प्रयासों की सराहना करनी चाहिए।