दवा कारोबारी ने 30 करोड़ की संपत्ति दान की फिर पूरे परिवार ने ले लिया संन्यास, जैन बगीचे में दी गई दीक्षा
रायपुर । मुमुक्षु भूपेंद्र का कहना है कि कैवल्यधाम जाने के दौरान हमारे सबसे छोटे बच्चे हर्षित के मन में इस दीक्षा को लेने का भाव आया। उस वक्त उसकी उम्र 6 साल की थी।
छत्तीसगढ़ में दवा का कारोबार करने वाला डाकलिया परिवार ने 30 करोड़ की संपत्ति दान कर जैन धर्म के संस्कारों के तहत दीक्षा ली। बता दें कि यह परिवार अब अपनी आराम की जिंदगी से अलग होकर संयम के कठिन रास्ते पर निकल पड़ा है। गुरुवार को जैन बगीचे में परिवार के मुखिया मुमुक्षु भूपेंद्र डाकलिया समेत पांच लोगों को भगवती दीक्षा दिलाई गई।
बता दें कि मुमुक्षु भूपेंद्र ने बताया कि उनकी करोड़ों की प्रॉपर्टी में जमीन, दुकान से लेकर अन्य संपत्तियां शामिल है। लेकिन साल 2011 में रायपुर में स्थित कैवल्यधाम जाने के बाद से ही उनके मन में संन्यास लेने का ख्याल आया। वहीं 9 नवंबर को उनके परिवार ने आरामयुक्त जीवन छोड़ दीक्षा लेने का अंतिम फैसला निर्णय लिया।
जैन धर्म के लोगों का कहना है कि ऐसा खरतरगच्छ पंथ में पहली बार हुआ है कि जब पूरे परिवार ने एक साथ दीक्षा ग्रहण की है। वहीं मुमुक्षु भूपेंद्र का कहना है कि कैवल्यधाम जाने के दौरान हमारे सबसे छोटे बच्चे हर्षित के मन में इस दीक्षा को लेने का भाव आया। उस वक्त उसकी उम्र 6 साल की थी।