6 जिलों के कलेक्टरों को नोटिस जारी, कार्य में क्यों हुई लापरवाही इसका देना होगा जवाब! पढ़ें पूरी खबर
रायपुर। छत्तीसगढ़ में हाल में हुई बेमौसम बारिश के कारण बेमेतरा, कवर्धा, राजनांदगांव, धमतरी, महासमुंद और रायपुर सहित 6 जिलों में कुल 38 हजार टन धान बारिश से भीगा है।धान खरीदी केन्द्रों में धान की फसल भीगने को छत्तीसगढ़ सरकार की मंत्री-मंडलीय उप समिति ने गंभीरता से लिया है। बुधवार को सूबे के खाद्य मंत्री अमरजीत भगत के आवास में हुई मंत्री-मंडलीय उप समिति की बैठक में धान भीगने केे मामलेे में दोषी पाए गए 6 जिलों के कलेक्टरों सहित अन्य अधिकारियों को कारण बताओ नोटिस जारी करने की अनुशंसा की गई।
मंत्री अमरजीत भगत ,मोहम्मद अकबर, डॉ प्रेमसाय सिंह टेकाम की समिति ने बेमेतरा, कवर्धा, राजनांदगांव, धमतरी, महासमुंद और रायपुर जिलों के कलेक्टरों, जिला विपणन अधिकारियों और उप पंजीयकों को नोटिस जारी करने की अनुशंसा करते हुए पूछा है कि मौसम विभाग की ओर से बारिश पर अलर्ट जारी करने और धान सुरक्षा के लिए राशि जारी करने के बाद भी बड़ी मात्रा में धान को भीगने से बचाने के लिए पुख्ता इंतजाम क्यों नहीं किए गए?
मंत्री मंडलीय उप समिति की बैठक में धान के भीगने के संबंध में जानकारी से यह स्पष्ट हुआ कि बेमेतरा, कवर्धा, राजनांदगांव, धमतरी, महासमुन्द और रायपुर सहित 6 जिलों में कुल 38 हजार टन धान बारिश से भीगा है, बैठक में असमय बारिश के कारण प्रभावित उपार्जन केंद्रों की स्थिति, बारदाने की उपलब्धता, धान खरीदी व्यवस्था, कस्टम मिलिंग और धान परिवहन, संग्रहण, भंडारण और रख-रखाव के संबंध में विस्तारपूर्वक चर्चा की गई।
बैठक में अधिकारियों ने समिति को बताया कि 31 जनवरी तक समर्थन मूल्य पर 105 लाख मीट्रिक टन धान खरीदी के लक्ष्य रखा गया है जिसके तहत अब तक 15 लाख से अधिक किसानों से 58.64 लाख मीट्रिक टन धान की खरीदी हो चुकी है। धान खरीदी के एवज में किसानों को 10 हजार 934 करोड़ 50 लाख रूपए बैंक लिकिंग व्यवस्था के तहत मार्कफेड की तरफ से जारी कर दिया गया है। कस्टम मिलिंग के लिए धान का उठाव और परिवहन तेजी से किया जा रहा है। बैठक में मंत्रियों ने अधिकारियों को केन्द्रीय पूल में 61.65 मीट्रिक टन चावल जमा करने के लक्ष्य के मुताबिक तेजी से धान का उठाव करने के निर्देश दिए।
बैठक में अधिकारियों ने यह जानकारी दी कि राज्य में समर्थन मूल्य पर धान खरीदी के लिए 5.25 लाख गठान बारदाने की आवश्यकता है। वर्तमान में पीडीएस, मिलर्स और किसानों से बारदाने आपूर्ति के कारण धान खरीदी व्यवस्था में कोई दिक्कत नहीं हो रही है।