नई दिल्ली, ऑटो डेस्क। देश में एंटी-लॉक ब्रेकिंग सिस्टम को अब प्रत्येक वाहन के लिए अनिवार्य कर दिया गया है। इस फीचर को खासतौर पर मौसम की स्थिति के दौरान वाहन पर बेहतर कंट्रोल प्रदान करने और पैनिक ब्रेकिंग के खतरों से बचने में मदद करने के लिए डिजाइन किया गया है। एक रिपोर्ट की माने तो जिन वाहनों में एंटी-लॉक ब्रेकिंग सिस्टम नहीं होता है, वह एबीएस सिस्टम से लैस वाहनों की तुलना में 35% तक अधिक दुर्घटना का शिकार होते हैं। तो आइए जानें कि क्या है एबीएस सिस्टम ?
क्या है एबीएस ब्रेकिंग सिस्टम
एंटी-लॉक ब्रेकिंग सिस्टम (एबीएस) को खराब मौसम की स्थिति या कहें कि पैनिक ब्रेकिंग के खतरों से बचने में मदद करने के लिए डिजाइन किया गया है। अध्ययनों में पाया गया है कि बिना एंटी-लॉक ब्रेक वाले वाहन की तुलना में एबीएस सिस्टम से लैस वाहनों में टक्कर या दुर्घटना का हिस्सा होने की संभावना 35% कम होती है। एंटी-लॉक ब्रेकिंग सिस्टम व्हील सेंसर का उपयोग करता है, जो सड़क की कठोर स्थितियों को महसूस करते हैं और एबीएस को सक्रिय करते हैं।
एबीएस सिस्टम के बिना वाहन चलाने वाला व्यक्ति पैनिक ब्रेकिंग मोड में आक्रामक तरीके से ब्रेक लगाने का प्रयास करता है, तो एक्सीडेंट होने के चांस ज्यादा रहते हैं। वहीं, जब बात करें एबीएस की तो इसमें एंटी-लॉक ब्रेक स्वचालित रूप से ऐसा करते हैं, जिससे टक्कर के समय चालक की सुरक्षा बनी रहती है। जब वाहन के पहिए लॉक हो जाते हैं, तो वाहन के सड़क की सतह पर खतरनाक तरीके से फिसलने की संभावना होती है। खासकर अगर सतह गीली है, ऐसी स्थिति में एबीएस सक्रिय होकर काम करता है।
जैसा कि हमनें आपको ऊपर बताया कि एबीएस फिसलन की स्थिति में भी लॉक-अप और स्किडिंग को रोकता है। एबीएस का उपयोग करना नियमित ब्रेक का उपयोग करने से बहुत अलग है। यदि आप स्टॉप साइन, लाल बत्ती या आपके आगे धीमी गति से चलने वाले वाहनों के लिए सामान्य रूप से ब्रेक लगा रहे हैं, तो एबीएस सिस्टम सक्रिय नहीं होगा। किसी भी स्थिति में अचानक ब्रेक लगाने की जरूरत है, तो खुद से ही एबीएस सक्रिय हो जाएगा।