साउथ सिनेमा के सुपरस्टार अल्लू अर्जुन (Allu Arjun) की पहली पैन इंडिया फिल्म ‘पुष्पा: द राइज पार्ट 1’ (Pushpa: The Rise) सिनेमाघरों में रिलीज हो चुकी है. सुकुमार (Sukumar) के निर्देशन में बनी इस फिल्म में रश्मिका मंदाना (Rashmika Mandanna), फहाद फासिल (Fahadh Faasil), धनंजय (Dhanunjay), राव रमेश (Rao Ramesh), सुनील (Suneel), अनुसूइया भारद्वाज (Anasuya Bharadwaj) और अजय घोष (Ajay Ghosh) जैसे कलाकार अहम भूमिकाओं में हैं. फिल्म की कहानी चंदन तस्करी के आसपास घूमती है, जिसके केंद्र में पुष्पाराज का किरदार है. इस किरदार अल्लू अर्जुन ने निभाया है. जंगल में मजदूरी करने वाले एक अनाथ मजदूर के जरायम की दुनिया की बेताज बादशाह बनने की दास्तान को फिल्म में रोचक अंदाज में दिखाया गया है.
वैसे तो साउथ की पावर पैक्ड मूवीज देखने में दिलचस्पी रखने वाले दर्शकों के लिए फिल्म ‘पुष्पा: द राइज’ को देखने की तमाम वजहें हो सकती हैं, लेकिन हम आपको चुनिंदा वजहें बताने जा रहे हैं, जो आपको फिल्म देखने के लिए मजबूर करेंगी. आइए इन चार वजहों पर एक नजर डालते हैं…
पहली वजह- सुपरस्टार अल्लू अर्जुन (Allu Arjun) की मौजूदगी
फिल्म ‘पुष्पा: द राइज’ देखने की पहली और प्रमुख वजह इसके हीरो अल्लू अर्जुन हैं, जो कि साउथ सिनेमा के जाने-माने सुपरस्टार हैं. महज 18 साल के फिल्मी करियर में उन्हें कई फिल्मफेयर और नंदी अवॉर्ड (आंध्र प्रदेश सरकार द्वारा दिया जाना वाला प्रतिष्ठित फिल्म सम्मान) मिल चुका है. इतना ही नहीं उनका नाम भारत के सबसे महंगे एक्टर में शुमार है. साल 2014 के फोर्ब्स इंडिया टॉप 100 सेलिब्रिटी में उनका नाम भी शामिल था. इस फिल्म में अल्लू ने एक चंदन तस्कर पुष्पा उर्फ पुष्पाराज का किरदार निभाया है. सच कहें तो उन्होंने पुष्पा के किरदार को जमकर जिया है. लकड़ी काटने वाले मजदूर से गैंग का लीडर बनने तक के हर फ्रेम में उन्होंने अपनी एक्टिंग, बॉडी लैंग्वेज और डायलॉग डिलविरी से जान डाल दी है. ‘पुष्पा’ के हिंदी वर्जन में अल्लू अर्जुन की जगह बॉलीवुड अभिनेता श्रेयस तलपड़े ने अपनी आवाज दी है, जो सुपरस्टार पर बिल्कुल फिट बैठती है. ”पुष्पा नाम सुनकर फ्लावर समझा है क्या? फ्लावर नहीं, फायर है”…उनके ऐसे डायलॉग खूब हिट हो रहे हैं.
दूसरी वजह:- नेशनल क्रश रश्मिका मंदाना (Rashmika) की अदाकारी
साउथ सिने एक्ट्रेस रश्मिका मंदाना अपनी खूबसूरत अदाओं से हर किसी को दीवाना बना देती हैं. उन्होंने फिल्मों में जबरदस्त अभिनय से लोगों का दिल जीता है, तो अपनी चुलबुली अदाओं से लोगों का दिल चुरा भी लिया है. उनकी क्टयूटेनस और खूबसूरत पर फैंस की सांसे थम जाती हैं. यही वजह है कि वो नेशनल क्रश कही जाती हैं. रश्मिका ने अपने फिल्मी करियर की शुरूआत कन्नड फिल्म ‘किरिक पार्टी’ से की थी, जो कि साल 2016 में रिलीज हुई थी. इसके बाद उन्होंने तेलुगू फिल्म इंडस्ट्री में भी काम शुरू कर दिया. इसके लिए उन्होंने बाकयदा तेलुगू भाषा सीखी थी. फिल्म ‘पुष्पा: द राइज’ में अपने किरदार श्रीवल्ली के लिए उन्होंने विशेष रूप से चित्तूर की भाषा सीखी है. चूंकि फिल्म में उनका किरदार बिल्कुल साधारण है, वो एक दूध बेचने वाली मजदूर की लड़की हैं, इसलिए उनको डी-ग्लैम किया गया है. वो साधारण लंगा वोनिस और साड़ियों में दिखाई दे रही है. इतना ही नहीं रश्मिका मंदाना अपनी बेहतरीन अदाकारी और डांस से दर्शकों का भरपूर मनोरंजन करने में सफल रही हैं.
तीसरी वजह:- सामंथा रुथ प्रभु (Samantha) का आइटम नंबर
साउथ फिल्म इंडस्ट्री की जानी-मानी एक्ट्रेस सामंथा रुथ प्रभु ने हालही में फिल्म इंडस्ट्री में अपने 11 साल पूरे किए हैं. मनोज बाजपेयी की वेब सीरीज ‘द फैमिली 2’ में अपने दमदार अभिनय की वजह से चर्चा में सामंथा अपने तलाक की वजह से भी सुर्खियों में रही हैं. उन्होंने साउथ सुपरस्टार नागार्जुन के बेटे नागा चैतन्य से तलाक लिया है. इसके बाद एक्ट्रेस कई बड़े प्रोजेक्ट्स के लिए काम कर रही हैं. इनमें अल्लू अर्जुन के साथ उनकी फिल्म ‘पुष्पा’ भी एक है. इस फिल्म में सामंथा का आइटम नंबर सबसे ज्यादा चर्चा में है. फिल्म में उनके बोल्ड और ब्लिंगी स्पेशल नंबर को खूब सराहा जा रहा है. सामंथा का पहला स्पेशल नंबर होने की वजह से, ‘ऊ अंतवा मावा ऊ अंतवा मावा’ (तेलुगू वर्जन) और ‘ऊ बोलेगा या ऊ ऊ बोलेगा साला’ (हिंदी वर्जन) सॉन्ग को खूब प्रचारित किया गया है. इसमें सामंथा स्मोकी अंदाज में नजर आ रही हैं. उन्होंने नीले रंग का ब्लाउज पहना है, जिस पर सिल्वर कलर की एंब्रॉयडरी कयामत ढ़ा रही हैं. आइटम सॉन्ग में सामंथा की अदाएं फैंस का दिल धड़का रही हैं.
चौथी वजह:- रोचक कहानी, दिलचस्प किरदार, दमदार संवाद
फिल्म ‘पुष्पा: द राइज’ एक परफेक्ट मसाला मूवी है, वो भी साउथ इंडियन स्टाइल, जिसके दीवाने हिंदी पट्टी में भी बहुत हैं. इसकी कहानी रोचक है, जो एक मजदूर से चंदन तस्कर बने किरदार को केंद्र में रखकर आगे बढती है. रास्ते में कई बड़े गैंगस्टरों, पुलिस अफसरों के साथ एक मासूम लड़की के किरदार से मुलाकात होती है, जो फिल्म की रोचकता बढ़ाती जाती है. इसके हर किरदार इस तरह से बुने गए हैं, जो कहानी के जरूरी अंग लगते हैं, कोई भी रोल ठूसा हुआ नहीं लगता. चाहे पुष्पा का किरदार हो, रेड्डी बंधुओं का रोल हो या फिर पुलिस अफसर भंवर सिंह शेखावत की भूमिका, हर किरदार दिलचस्प है. फिल्म के निर्देशक सुकुमार ने ही इसकी कहानी लिखी है, इसलिए अंत तक वो पटकथा पर अपनी पकड़ बनाए रखने कामयाब रहते हैं. अल्लू अर्जुन और रश्मिका मंदाना के साथ ही फहाद फासिल, धनंजय, राव रमेश, सुनील, अनुसूइया भारद्वाज और अजय घोष ने अपने किरदारों के साथ न्याय किया है. ”सामने कोई भी हो, मैं झुकेगा नहीं”…, ”पुष्पा नाम सुनकर फ्लावर समझे क्या… फ्लावर नहीं फायर हैं”… जैसे संवाद तालियां बटोरने में कामयाब हैं. कुल मिलाकर, पुष्पा पॉवरपैक्ड एक्शन फिल्म है, जिसे देखकर मजा आ जाएगा.