जांजगीर-चांपा। जिले में 5 लोगों की ‘अनुकंपा’ नियुक्ति में फर्जीवाड़ा उजागर हुआ है। इस मामले को लेकर अब शासन ने सीधे DEO के गर्दन पर तलवार रख दिया है और स्पष्टीकरण मांगा है। प्रदेश में भूपेश सरकार ने अनुकंपा नियुक्ति का सरलीकरण किया है, ताकि मुखिया के निधन के पश्चात किसी तरह की समस्या से परिवार को गुजरना ना पड़े। लेकिन इसमें शर्त यह है कि परिवार में दूसरा कोई भी सदस्य शासकीय सेवा में नहीं होना चाहिए। लेकिन जांजगीर—चांपा जिले में शिक्षा विभाग में बड़े फर्जीवाड़े का खुलासा हुआ है। यहां शासकीय शिक्षक के बेटे, बहू और बहन को नियुक्ति प्रदान की गई है।
जांजगीर-चांपा जिले में कोरोना काल के दौरान साल 2020 में अपात्र लोगों को अनुकंपा नियुक्ति देने की शिकायत अधिवक्ता अश्वनी शुक्ला ने शिक्षा विभाग के अधिकारियों से की थी। इस पर संभागीय संयुक्त संचालक ने जांच के आदेश दिए और प्रतिवेदन मांगा। जांच में पता चला है कि तत्कालीन DEO केएस तोमर के कार्यकाल में नियुक्तियां दी गई है। इसमें से एक उम्मीदवार आशुतोष दुबे की अनुकंपा नियुक्ति को DEO ने निरस्त कर दिया था।
बाकी 4 उम्मीदवार मोनिका पांडेय सहायक ग्रेड-3, विभा बंजारे सहायक शिक्षक, जीतू पोर्ते सहायक ग्रेड-3 और सौरभ सिंह कश्यप भृत्य की जांच कर प्रतिवेदन सहायक संचालक को भेजा गया। जांच रिपोर्ट में इनकी भी नियुक्ति शासन के प्रावधान के विपरीत करने का मामला सामने आया है। लिहाजा, संयुक्त संचालक ने अपात्र नियुक्ति के खिलाफ DEO को कार्रवाई करने के लिए आदेशित किया गया है। इसके साथ ही नियुक्ति में दोषी अधिकारी-कर्मचारी का नाम, पदनाम अपने स्पष्ट अभिमत के साथ संयुक्त संचालक को भेजने का आदेश दिया गया है।