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दिवाली पर इस बार बन रहा है ये खास संयोग,ऐसे करें मां लक्ष्मी की पूजा

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दिवाली (Diwali) के मौके पर घरों से लेकर बाजार तक हर जगह सजावट की जाती है. इस दिन मां लक्ष्‍मी की पूजा (Maa Laxmi Puja) की जाती है और कृपा पाने के लिए मनाया जाता है. भगवान राम (Lord Ram) के अयोध्‍या वापस आने पर अयोध्‍यावासियों ने दीप जलाकर ही उनका स्‍वागत किया था. 5 दिन का यह महापर्व धनतेरस के साथ शुरू होता है और भाईदूज को खत्‍म होता है. आइए जानते हैं आज (4 नवंबर 2021, गुरुवार) दिवाली (Diwali 2021) पर मां लक्ष्‍मी पूजन करने का शुभ मुहूर्त (Maa Laxmi Pujan Shubh Muhurat) और पूजा विधि (Puja Vidhi) क्‍या है.

आज दिवाली की पूजा करने से पहले सुनिश्चित कर लें की पूरे घर की साफ-सफाई हो चुकी हो, क्‍योंकि इस दिन मां लक्ष्‍मी (Maa Laxmi) धरती पर विचरण करती हैं और फिर उन्‍हीं घरों में उनका आगमन होता है जहां साफ-सफाई रहती है. वे ऐसे घरों में वास करती हैं, जहां सजावट (Decoration) की गई हो और घर के लोग प्रेम से मिलकर रहते हों. इस साल दिवाली की पूजन करने का शुभ मुहूर्त आज शाम 06:09 से रात 08:04 बजे तक रहेगा.

घर की साफ-सफाई करके घर में गंगाजल छिड़क लें. घर के मुख्‍य द्वार की अच्‍छे से सफाई-धुलाई करके रंगोली बना लें. पूजा स्‍थल की सफाई करके वहां भी गंगाजल छिड़क लें. फिर चौकी पर लाल कपड़ा बिछा लें और उस पर देवी लक्ष्‍मी, भगवान गणेश और मां सरस्‍वती की फोटो या मूर्ति रखें. चौकी के पास जल से भरा हुआ कलश रखें. चावल या गेहूं की एक छोटी ढेरी बनाकर उस पर घी का एक दिया जलाएं. माता लक्ष्मी और भगवान गणेश, मां सरस्‍वती को तिलक लगाएं. उनके सामने दीये जलाएं. उन्‍हें गुड़, हल्‍दी, अक्षत, मिठाईयां, फल अर्पित करें. 3 बार श्रीसूक्त का पाठ करें. आखिर में मां लक्ष्‍मी की आरती करें और सभी को प्रसाद बांटें.

दिवाली का पर्व सुख-समृद्धि और वैभव का प्रतीक है। मान्यता है कि दिवाली पर लक्ष्मी जी का पूजन करने और उनकी पूजा-अर्चना करने से जीवन में यश-वैभव बना रहता है और जीवन में धन की कमी दूर हो जाती है। मान्यता है कि अगर दिवाली का पूजन शुभ मुहूर्त में किया जाए, तो वे अधिक लाभदायी होता है।

शुभ मुहूर्त का समय :

अभिजीत मुहूर्त 11:19 AM से 12:04 PM

अमृत काल मुहूर्त 09:16 PM से 10:42 PM

विजय मुहूर्त 01:33 PM से 02:17 PM

गोधूलि मुहूर्त 05:04 PM से 05:28 PM

संध्या मुहूर्त 05:15 PM से 06:32 PM

निशिता मुहूर्त 11:16 PM से 12:07 AM, Nov 05

ब्रह्म मुहूर्त 04:25 AM, Nov 05 से 05:17 AM, Nov 05

प्रातः 04:51 AM, Nov 05 से 06:08 AM, Nov 05

प्रदोष काल: 17:34:09 से 20:10:27 तक

वृषभ काल: 18:10:29 से 20:06:20 तक

दिवाली पर निशिता काल मुहूर्त

निशिता काल: 23:39 से 00:31, नवम्बर 05

सिंह लग्न: 00:39 से 02:56, नवम्बर 05

अशुभ मुहूर्त का समय : (इस काल में कोई भी शुभ कार्य नहीं किया जाता है)

राहुकाल: 13:26:56 से 14:49:20 तक

दुष्टमुहूर्त: 10:14:38 से 10:58:35 तक, 14:38:21 से 15:22:18 तक

कुलिक: 10:14:38 से 10:58:35 तक

कालवेला / अर्द्धयाम: 16:06:15 से 16:50:12 तक

यमघण्ट: 07:18:50 से 08:02:47 तक

कंटक: 14:38:21 से 15:22:18 तक

यमगण्ड: 06:34:53 से 07:57:17 तक

गुलिक काल: 09:19:42 से 10:42:06 तक

दिशा शूल : इस दिन दक्षिण इस दिशा में यात्रा शुभ नहीं

दिवाली पर सिर्फ शुभ मुहूर्त के हिसाब से पूजन करना ही काफी नहीं होता, बल्कि पूजन की विधि भी ठीक होनी चाहिए। मान्यता है कि विधि पूर्वक की गई पूजा का ही लाभ मिलता है,इस दिन सवेरे उठकर स्नान करने के बाद साफ कपड़े पहन लें और पूरे मन के साथ पूजा अर्चना करनी चाहिये

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