धार्मिक आस्था के साथ खिलवाड़ बर्दाश्त नहीं – सोहन पोटाई
राज्यपाल से मिलकर सरगुजा संभाग की आदिवासियों के प्रति हो रहे शोषण अन्याय अत्याचार को अवगत कराए – प्रदेश अध्यक्ष सोहन पोटाई
बलरामपुर,अनिल मेसर्स- परंपारिक आदिवासी महासभा कोर्ट सरगुजा छत्तीसगढ़ के द्वारा बच्छराजकुंवर धाम को लेकर शिकायत का निराकरण के लिए 25 जुलाई को निराकरण शिविर लगाया जाएगा जिसमें बलरामपुर जिले के 100, गुड़ी ग्राम एवं 7 परगाना के अतिरिक्त सरगुजा संभाग के पदाधिकारी व अधिकारी कर्मचारी शामिल होंगे बच्छराज कुंवर धाम को लेकर लोगों में कई तरह की भ्रांतियां फैलाई जा रही हैं एवं साथ ही कई तरह के विवादित परिस्थिति निर्मित ना हो जिसको लेकर यह समाधान शिविर का आयोजन किया गया है आयोजन में 18 जुलाई तक ऑनलाइन ऑफलाइन रजिस्ट्री के माध्यम से आवेदन आमंत्रित किए गए जिनका निराकरण 25 जुलाई को बच्छराजकुंवर धाम होगा शिकायत आवेदन के अतिरिक्त किसी भी अन्य आवेदन पर विचार नहीं होगा ।
यह स्पष्ट किया जा चुका है सरगुजा संभाग का यह पहला धार्मिक स्थल है जहां पर आदिवासी समाज के बैगा पुजारियों के द्वारा पूजा के साथ-साथ प्रबंधन का भी कार्य संचालित हो रहा है यही कारण है कि गैर जनजाति वर्ग इस धार्मिक स्थल को अपने कब्जे में लेना चाहता है जिसका सर्व आदिवासी समाज विरोध करता है एवं अपने धार्मिक स्थल को बचाने के लिए संघर्ष कर रहा है हाल ही में मंदिर के पुजारी बैगा ने चलगली थाना प्रभारी के ऊपर आरोप लगाते हुए बताया कि उन्हें पूजा करने से रोका जाता है जबकि पूरे देश में कोरोना प्रोटोकाल के तहत किसी भी मंदिर को बंद नहीं करने का गाइडलाइंस जारी हुआ है ऐसे में बछराजकुंवर गढ़ धाम में ताला लगवाना प्रशासन की आदिवासियों के प्रति सवालिया निशान खड़ा करता है इस संबंध में सर्व आदिवासी समाज के प्रदेश अध्यक्ष बलरामपुर दौरे पर आए तब बैगा पुजारियों ने प्रशासनिक हस्तक्षेप एवं प्रताड़ना की बात को बताई तो प्रदेश अध्यक्ष सर्व आदिवासी समाज सोहन पोटाई ने तत्काल मामले को गंभीरता पूर्वक लेते हुए जिले के पुलिस अधीक्षक एवं कलेक्टर को स्पष्ट शब्दों में बताया है कि यह मंदिर आदिवासियों की आस्था से जुड़ा हुआ है एवं बगैर मंदिरों में पूजा किए आदिवासी समाज अन्न का एक दाना भी खेत में नहीं डालता है जब तक की बाबा बछराजकुंवर का आशीर्वाद ना हो ऐसे में मंदिर में पूजा अर्चना पर रोक लगाया जाना आदिवासियों के धार्मिक आस्था को ठेस पहुंचाता है एवं उन्हें फसल की बुवाई ना होने से काफी आर्थिक क्षति होगी ऐसे में मंदिर में ताला लगवाना एवं बैगा पुजारियों को पूजा करने से रोकना सर्व आदिवासी समाज बर्दाश्त नहीं करेगा जिस पर कलेक्टर बलरामपुर के मौखिक निर्देशानुसार वेदा पुजारियों ने मंदिर में पूजा अर्चना कर अपनी खेती किसानी एवं बछराजकुंवर धाम का पूजा अर्चना कोरोना प्रोटोकॉल का पालन करते हुए केंद्र और राज्य सरकार के जारी दिशानिर्देश के अनुसार प्रारंभ कर दिए हैं