शिव भक्तों का इंतजार जल्द ही खत्म होने जा रहा है. मध्य प्रदेश के उज्जैन में कोरोना के नए मामले कम होने के बाद अब 28 जून से महाकाल मंदिर को श्रद्धालुओं के लिए फिर से खोलने का फैसला लिया गया है. मंदिर खोलने के निर्णय के साथ ही इस बार भक्तों के लिए नियमों को भी सख्त रखा गया है. कोरोना से बचाव के लिए मंदिर में मौजूद पुजारी, पंडे और कर्मचारियों के लिए वैक्सीनेशन अनिवार्य कर दिया गया है. अब इन्हें भी मंदिर में प्रवेश के समय वैक्सीनेशन सर्टिफिकेट दिखाना होगा।
बिना वैक्सीनेशन सर्टिफिकेट के पंडे, पुजारी और कर्मचारियों को भी मंदिर में एंट्री नहीं दी जाएगी.उज्जैन के कलेक्टर आशीष सिंह ने सभी कर्मचारियों को टीका लगवाने का आदेश दिया है. मंदिर में 650 से ज्यादा कर्मचारी हैं.
निगेटिव रिपोर्ट और वैक्सीनेशन सर्टिफिकेट दिखाकर ही होंगे दर्शन
आपदा प्रबंधन की बैठक में निर्णय लिया गया है कि मंदिर में एंट्री के लिए भक्तों को 48 घंटे पहले की RT-PCR रिपोर्ट या वैक्सीनेशन सर्टिफिकेट दिखाना अनिवार्य होगा. कलेक्टर ने कहा है कि मंदिर में आने वाले सभी पुजारी, पुरोहित, प्रतिनिधि, सुरक्षा कर्मी, सफाईकर्मी समेत समिति के करीब 325 कर्मचारियों को 28 जून तक वैक्सीनेशन के बाद ही प्रवेश मिलेगा.
मंदिर में काम करने वाले कई लोगों ने नहीं लगवाया टीका
मंदिर में इस बार कोरोना की दूसरी लहर के दौरान कई पंडे-पुजारी समेत कर्मचारी कोरोना से संक्रमित हुए थे. कलेक्टर आशीष सिंह का कहना है कोरोना संक्रमण अभी खत्म नहीं हुआ बस कम हुआ है ऐसे में हमे ज्यादा सावधानियां बरतनी होगी. मंदिर में आने वाले लाखों श्रद्धालु और पुजारियों को भी टीका लगवाना जरूरी होगा.
बता दें, 48 पुजारी-पुरोहित, परिसर में स्थित 44 अन्य मंदिरों के पुजारी, 326 मंदिर समिति के कर्मचारी, 120 सुरक्षाकर्मी, 100 सफाईकर्मी और अन्य कर्मचारी सुबह 4 बजे से रात 11 बजे तक मंदिर में ही रहते हैं.