सरगुजा: किशोर न्याय अधिनियम की खुलेआम धज्जियां उड़ाते हुए, थानेदार ने अपचारी बालक के विरुद्ध दर्ज किया अपराध…
डॉ प्रताप नारायण, अम्बिकापुर:अंबिकापुर, गांधीनगर थाने में पदस्थ वरिष्ठ थानेदार के द्वारा किशोर न्याय अधिनियम की इस तरह धज्जियां उड़ाना शायद कहीं से भी कानून हित में प्रतीत नहीं हो रहा है। उनके थानेदारी में तो ऐसा लग रहा है जैसे कानून की व्याख्या उन्हीं से शुरू होती है और उन्हीं पर खत्म, सभी को एक ही तराजू में तोला जा रहा है।
जी हां ताजा तरीन मामला है सरगुजा जिले के गांधीनगर थाने का, जहां बाल संप्रेक्षण गृह से भागे हुए अपचारी बालक पर धारा 224 IPC के तहत नियम विरुद्ध FIR कर दिया गया है जबकि, जेजे एक्ट की धारा 26 में यह स्पष्ट रूप से उल्लेख है कि ऐसे किसी भी अपचारी बालक पर जो बाल संप्रेक्षण गृह से भाग जाता है उसे पकड़ कर किशोर न्याय बोर्ड के समक्ष प्रस्तुत किया जाएगा। इसमें यह खास बात है कि ऐसे भागे हुए किसी अपचारी बालक पर अन्य किसी भी प्रकार की कार्यवाही करने की सख्त मनाही है।
चुकी थानेदार साहब काफी वरिष्ठ तथा कानून के जानकार भी माने जाते हैं इसके बावजूद तमाम कानूनी अधिनियम की धज्जियां उड़ाना वरिष्ठ अधिकारियों की नजर में क्यों नहीं आ रहा है यह काफी चिंतनीय विषय है।
भागे हुए अपचारी बालक पर है हत्या का आरोप
अंबिकापुर के बाल संप्रेक्षण गृह से भागे अपचारी बालक पर हत्या करने का अपराध पंजीबद्ध है तथा उस पर धारा 302 का अपराध किशोर न्याय बोर्ड बिलासपुर के समक्ष विचाराधीन है। किशोर न्याय बोर्ड की ओर से अपचारी बालक को अंबिकापुर बाल संप्रेक्षण गृह में भेजा गया था जहां से वह भाग गया, जिसके बाद बाल संप्रेक्षण गृह के अधीक्षक की ओर से थाने में अपचारी बालक के भागने की सूचना दी गई इस सूचना के आधार पर पुलिस ने उस पर थाना गांधीनगर, अम्बिकापुर की ओर से अपराध क्र-244/21 आईपीसी की धारा 224 के तहत मामला पंजीबद्ध कर दिया और वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों के मार्गदर्शन में अपचारी बालक की तलाश जारी है। आश्चर्य की बात यह है कि एक ओर थाना प्रभारी ने जे जे एक्ट का उल्लंघन करते हुए एफ आई आर दर्ज कर दिया वहीं जिले के वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों ने अब तक इस गलती को सुधारने कोई पहल नहीं की अब देखने वाली बात यह होगी कि आने वाले समय में इस मामले पर कैसी कार्यवाही की जाएगी ।