मोहिबुल हशन / किसान दिन-रात एक कर पसीना बहाकर अपने खेतों को सींचता है, जिससे पैदा होने वाली धान की एक-एक बालियों को बेचकर अपना व अपने परिवार का पेट पालता है। किसान की मेहनत व खुन पसिने की कमाई का सरकारी इंतजामात कैसे सहेज कर रखते हैं इसका जीता-जाता नमूना धान संग्रहण केंद्र में दिखाई पड़ रहा है। लापरवाही के चलते हजारों क्विंटल धान बारिश में भीग कर बर्बाद हो रही हैं।
जिले के धान संग्रहण केन्द्र ग्राम कुन्दा बस्ती में स्थित बगियाडाड़ में अव्यवस्था का आलम देखने को मिला है। स्थिति यह है कि धान के बोरों को जिम्मेदारों ने खुले में छोड़ दिया है जबकी धान संग्रहण केंद्र मे कई,वर्कर भी रखा गया हैं देख भाल के लिये जिसके चलते कई हजार बोरा धान बारिश में भीगता नजर आरहा है मंगलवार को करीब 3 घंटे हुई बारिश में धान की कई बोरियां भीग गई और बोरा भी फट रहा हैं अब धान भी सड़ने लगी है।
संग्रहण केंद्र तक धान पहुचने में चार माह लग गए और यहाँ धान का अंबार लग गया, वही संग्रहण केंद्र में अभी भी धान 7 लाख क्विंटल पड़े है। अधिकांश धान बगैर कैप कव्हर के खुले आसमान के नीचे पड़ा हुआ है रोजाना हो रही बारिश से धान को नुकसान पहुंच रहा है।
बीते सोमवार व मंगलवार को मौसम बिगडऩे के बाद अचानक बारिश हो गई। मौसम को बिगड़ते देख उन्होंने धान की बोरियों को ढकवाना शुरू कर दिया था। लेहाजा कुछ जगहों पर झिल्ली नहीं ढाक सके। जिसके चलते बहुत बोरी धान भींग गईं।
आलम यह है कि धान के बोरियो से घास निकल आये है, जो कि धान संग्रहण केंद्र में लापरवाही बर्ति गई अव्यवस्था का सबूत दे रहे है। धान बोरियां बारिश से भीग कर इस कदर गल चुकी है कि उन्हें छूते ही फट रहे और धान नीचे गिर रहा है। धान संग्रहण केंद्र में अभी तक उठाव नही हो पाया है।
आपके माध्यम से जानकारी प्राप्त हुई है मैं तत्काल दिखवाता हूं, लापरवाही पाए जाने पर कड़ी कार्यवाही की जाएगी।
गौरव कुमार सिंह, कलेक्टर सुरजपुर।