इंडस वाटर ट्रीटी:भारत-पाकिस्तान के बीच परमानेंट इंडस कमीशन की मीटिंग कल से; सिंधु नदी के पानी से जुड़े मुद्दों पर चर्चा होगी
भारत और पाकिस्तान के बीच सिंधु नदी के पानी समेत अन्य प्रमुख मुद्दों पर चर्चा करने के लिए मंगलवार से दो दिवसीय बैठक होगी। स्थाई सिंधु आयोग (परमानेंट इंडस कमीशन) की बैठक में विभिन्न मुद्दों पर चर्चा के 8 मेंबर्स का पाकिस्तानी प्रतिनिधिमंडल सोमवार को भारत पहुंच रहा है। बैठक नई दिल्ली में 23 और 24 मार्च को होगी। इसमें जम्मू-कश्मीर में पकल दुल और लोअर कलनाई हाइड्रोइलेक्ट्रिक प्लांट के डिजाइन पर पाकिस्तान की आपत्ति, नदियों पर नई परियोजनाओं और बाढ़ संबंधी आंकड़ों पर चर्चा हो सकती है।
पीके सक्सेना करेंगे भारत का नेतृत्व
पाकिस्तान की ओर से सिंधु जल आयुक्त सईद मुहम्मद मेहर अली शाह प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व करेंगे। वहीं, भारतीय प्रतिनिधिमंडल सिंधु आयुक्त पीके सक्सेना की अध्यक्षता में बैठक में शामिल होगा। सक्सेना के साथ केंद्रीय जल आयोग, सेंट्रल इलेक्ट्रिसिटी अथॉरिटी और नेशनल हाइड्रोइलेक्ट्रिक पॉवर कॉरपोरेशन के सलाहकार शामिल होंगे।
धारा 370 हटाने के बाद पहली बार बैठक
जम्मू-कश्मीर को विशेष दर्जा देने वाले धारा-370 को हटाए जाने के बाद पहली बार यह बैठक होगी। धारा-370 हटाए जाने के बाद भारत ने लद्दाख में कई हाइड्रोपावर प्रोजेक्ट्स लगाए हैं। यह बैठक इसलिए अहम मानी जा रही है, क्योंकि पाक प्रधानमंत्री इमरान खान और सेना प्रमुख जनरल कमर जावेद बाजवा ने हालिया बयानों में बातचीत के माध्यम से विवादों को हल करने का आह्वान कर रहे हैं।
अगस्त 2018 में हुई थी आखिरी बैठक
पिछली बार भारत-पाकिस्तान की परमानेंट इंडस कमीशन (पीआईसी) की मीटिंग अगस्त 2018 में लाहौर, पाकिस्तान में हुई थी। जिसमें भारतीय प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व इंडस वाटर के भारतीय कमिश्नर पीके सक्सेना ने किया था।
इंडस कमीशन को जानिए
इंडस वाटर ट्रीटी (सिंधु जल संधि) के तहत बने परमानेंट इंडस कमीशन पर 1960 में भारत और पाकिस्तान ने हस्ताक्षर किए थे। इस कमीशन के तहत दोनों देशों में कमिश्नर नियुक्त किए गए थे। वे सरकारों के प्रतिनिधि के रूप में कार्य करते हैं। इस ट्रीटी के चलते दोनों देशों के कमिश्नरों को साल में एक बार मिलना होता है। उनकी बैठक एक साल भारत और एक साल पाकिस्तान में होती है।
दोनों देशों में इस तरह पानी का बटवारा है
इस ट्रीटी में कहा गया है कि पूर्व की तीन नदियों रावी, ब्यास और सतलज का पानी भारत को विशेष रूप से बांटा गया है। इन नदियों के कुल 16.8 करोड़ एकड़-फीट में भारत का हिस्सा 3.3 करोड़ एकड़-फीट है, जो लगभग 20 प्रतिशत है। वहीं, पश्चिम की नदियां सिंधु (इंडस), चिनाब और झेलम का पानी पाकिस्तान को दिया गया है। हालांकि, भारत को अधिकार है कि वह इन नदियों के पानी को कृषि, घरेलू काम में इस्तेमाल कर सकता है। इसके साथ ही भारत निश्चित मापदंडों के भीतर हाइड्रोइलेक्ट्रिक पॉवर प्रोजेक्ट भी बना सकता है।
31 मार्च को होती है दोनों देशों की बैठक
इंडस वॉटर ट्रीटी के अनुसार हर साल 31 मार्च को दोनों देशों के कमिश्नरों की बैठक होती है। हालांकि, कोरोनावायरस के प्रकोप को देखते हुए इस साल इस बैठक को टाल दिया गया था।