Indian Republic News

50 हजार रुपये लेकर नहीं दिए ब्लैक फंगस के इंंजेक्शन, मरीज की निकालनी पड़ीं आंखें।

0

- Advertisement -

विनोद गुप्ता। ग्वालियर में क्राइम ब्रांच ने शनिवार की रात बड़ी कार्रवाई करते हुए ब्लैक फंगस में लगने वाले इंजेक्शन एंफोटेरिसिन बी के नाम पर ₹5० हजार की ठगी करने वाले चेतन सविता को दबोच लिया है आरोपी ने ब्लैक फंगस बीमारी से ग्रस्त मरीज के स्वजन से 30 इंजेक्शन उपलब्ध कराने के लिए ₹२लाख ४०हजार मांगे थे एडवांस के रूप में ₹50हजार ले लिए इसके बाद आरोपी ने एक भी इंजेक्शन उनको उपलब्ध नहीं कराया इंजेक्शन ना मिलने के कारण मरीज का ऑपरेशन करा कर आंखें निकालनी पड़ी क्राइम ब्रांच आरोपित को पकड़ने के बाद उससे पूछताछ कर रही है आरोपी तो नौकरी लगवाने के नाम पर भी कई रिश्तेदारों को ठग चुका है ।
पुलिस को पता चला कि आरोपी जेएएच में एक नर्स से भी मिलने के लिए जाता था आरोपित के खिलाफ रासुका के तहत भी कार्रवाई की जाएगी ।
टीकमगढ़ निवासी रितु मिश्रा ने क्राइम ब्रांच थाने में लिखित शिकायत कर बताया कि ब्लैक फंगस होने के कारण मेरे पिता को 10 दिन पूर्व अपोलो अस्पताल में भर्ती कराया था क्योंकि टीकमगढ़ में ब्लैक फंगस के इलाज की कोई व्यवस्था नहीं थी ब्लैक फंगस के बचाव के लिए उन्हें तत्काल इंजेक्शन की आवश्यकता थी अपोलो अस्पताल के अलावा शहर में भी यह इंजेक्शन उपलब्ध नहीं थे तमाम कोशिश के बाद भी इंजेक्शन नहीं मिल पा रहे थे डॉक्टर ने साफ कह दिया था कि अगर इंजेक्शन की व्यवस्था नहीं हुई तो इनकी आंखें निकालनी पड़ेगी।

फेसबुक पर पोस्ट डालकर इंजेक्शन की आवश्यकता जताई लाचार व मजबूर होकर इंजेक्शन की आवश्यकता संबंधी एक पोस्ट फेसबुक में डाली ताकि किसी के पास यह इंजेक्शन हो तो उपलब्ध हो सके इन पोस्ट पर दो मोबाइल नंबर भी शेयर किए थे रितु मिश्रा ने बताया कि उनकी बहन वर्षा के मोबाइल पर चेतन सविता ने कॉल कर बताया कि वह इंजेक्शन उपलब्ध करा सकता है पहले से हमारी चेतन सविता से कोई जान पहचान नहीं थी आरोपित निकालकर बताया कि ज्यादा रोग जयारोग्य चिकित्सालय के डायग्नोसिस डिपार्टमेंट में क्लर्क के पद पर काम करता हूं आरोपित ने कहा कि मरीज के इलाज के दस्तावेज व डॉक्टर का डिमांड लेकर माधव डिस्पेंसरी आजा पत्थर वाली बिल्डिंग के पास मिला आरोपित रितु मिश्रा ने बताया कि हम लोगों ने पिता के मित्र भानु प्रताप सिंह को आरोपित से बात करने के लिए भेजा आरोपी अपने पर्चे व इलाज के कागज देखने के बाद कहा कि वह 30 इंजेक्शन का डोज उपलब्ध करा देगा हम लोग के निराशा के दौर में उम्मीद की एक नई किरण नजर आई आरोपित ने ₹2लाख ४०हजार की मांग की ₹50हजार एडवांस में ट्रांसफर करने को कहा इंजेक्शन लेने के लिए तैयार होने पर आरोपित ने ₹50हजार फोन पर पर ट्रांसफर करने की मांग की फरियादी का फोन पर पर अकाउंट नहीं होने पर अपने मित्र हर्षित अग्रवाल से ₹50 हजार ट्रांसफर करा दिया आरोपी के दूसरे दिन इंजेक्शन लेने के लिए बुलाया लेकिन वह खाली हाथ आया आरोपित ने और पैसे की डिमांड की इसके बाद आरोपी ने एक इंजेक्शन नहीं दिया और फोन भी उठाना बंद कर दिए हम लोगों ने कई बार संपर्क करने का प्रयास किया लेकिन आरोपित नहीं मिला और इंजेक्शन ना मिलने के कारण हमारे पिताजी की आंखें निकलवाने पड़े।

Leave A Reply

Your email address will not be published.