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सिरसी में नशे का नेटवर्क उजागर – बसदेई पुलिस की चुप्पी पर उठे सवाल

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IRN24 न्यूज़ डेस्क

ग्राम पंचायत सिरसी में नशीली दवाओं की तस्करी का गोरखधंधा थमने का नाम नहीं ले रहा है। पिछले एक सप्ताह में दो अहम कार्रवाइयों ने गांव को फिर से सुर्खियों में ला दिया है – लेकिन साथ ही स्थानीय पुलिस की भूमिका पर गंभीर सवाल भी खड़े कर दिए हैं।

सबसे पहले एक सप्ताह पूर्व सूरजपुर आबकारी विभाग ने सिरसी क्षेत्र से नशीली दवाओं के साथ कुछ व्यक्तियों को पकड़ा। इसके बाद कल (3 अगस्त) गांधीनगर थाना पुलिस ने सिरसी के ही तीन युवकों को नशीले इंजेक्शनों के साथ गिरफ्तार किया। यह दोनों ही कार्रवाई सिरसी को केंद्र में रखकर की गईं, जो इस बात का संकेत हैं कि गांव नशा तस्करी के गंभीर जाल में फंसता जा रहा है।

स्थानीय पुलिस की निष्क्रियता बनी सवालिया निशान

इन दोनों बड़ी कार्रवाइयों के बीच जो सबसे चौंकाने वाली बात सामने आई है, वह है बसदेई चौकी पुलिस की पूरी चुप्पी। सिरसी क्षेत्र प्रशासनिक रूप से बसदेई पुलिस के अंतर्गत आता है, फिर भी अभी तक न कोई स्थानीय जांच शुरू हुई है, न ही कोई सक्रियता दिखाई गई है।

ग्राम पंचायत सिरसी के सरपंच पति ने नाराज़गी जताते हुए कहा –
“जब गांव से लगातार युवक नशे के साथ पकड़े जा रहे हैं और कार्रवाई बाहर की पुलिस कर रही है, तो फिर बसदेई चौकी क्या केवल मूकदर्शक बना रहेगा?”

समाज के लोग बोले – अब चुप नहीं बैठेंगे

गांव के एक भूतपूर्व सैनिक और सामाजिक कार्यकर्ता ने अपनी पीड़ा कुछ इस तरह व्यक्त की –
“अब नशा गांव के घर-घर तक पहुंच रहा है। युवा पीढ़ी फंसती जा रही है और पुलिस देख रही है। यह सिर्फ लापरवाही नहीं, यह विश्वासघात है। अगर अब भी कार्रवाई नहीं हुई तो आने वाले समय में हालात संभालना मुश्किल होगा।”

सामाजिक कार्यकर्ताओं और भाजपा नेताओं ने भी जताई चिंतागांव के एक भूतपूर्व सैनिक और सामाजिक कार्यकर्ता ने गहरी चिंता व्यक्त करते हुए कहा –”अब नशा गांव के घर-घर तक पहुंच रहा है। युवा पीढ़ी धीरे-धीरे खत्म हो रही है और पुलिस खामोश है। यह लापरवाही नहीं, अपराध है। यदि समय रहते कार्रवाई नहीं हुई, तो आने वाला समय सिरसी के लिए घातक हो सकता है।”

इसी मुद्दे पर भाजपा के एक वरिष्ठ कार्यकर्ता और स्थानीय नेता ने भी प्रशासन पर सवाल उठाया –“सिरसी जैसे छोटे गांव में बार-बार नशीली दवाओं के साथ युवकों का पकड़ा जाना यह दर्शाता है कि एक पूरा नेटवर्क सक्रिय है। अगर बाहरी टीमें आकर कार्रवाई कर सकती हैं, तो बसदेई पुलिस क्यों सोई है? इस पर कड़ी जांच होनी चाहिए।”

ग्रामीणों की चेतावनी – नहीं रुकेगा तो करेंगे आंदोलन

ग्रामीणों का कहना है कि यदि समय रहते बसदेई पुलिस सक्रिय नहीं होती, तो वे मजबूर होकर धरना-प्रदर्शन जैसे कदम उठाएंगे। उनका स्पष्ट आरोप है कि पुलिस की निष्क्रियता कहीं न कहीं मिलीभगत या राजनीतिक दबाव का संकेत देती है।

प्रशासन पर बढ़ा दबाव – जवाब मांगा जा रहा है

अब जनप्रतिनिधियों और नागरिक समाज की मांग है कि:

बसदेई पुलिस को तत्काल विशेष अभियान चलाने के निर्देश दिए जाएं,

नशे के नेटवर्क की गहराई से जांच की जाए,

और जिन अधिकारियों की लापरवाही सामने आ रही है, उन्हें जवाबदेह ठहराया जाए।

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