कोरोना काल में लोगों की संकटमोचन बनी रेल को चुकानी पड़ रही है बड़ी कीमत, कोरोना से 1955 रेल कर्मियों की हुई मौत
इंडियन रिपब्लिक / नई दिल्ली । देश में कोरोना का सितम जारी है। लगातार कोरोना से संक्रमण और मौत की खबरें आ रही है। इस कोरोना संकट में रेलवे लोगों के लिए संकटमोचक बना हुआ है। बिना रूके-बिना थके आक्सीजन एक्सप्रेस चलायी जा रही है। लेकिन कोरोना संकट का गंभीर खामियाजा रेलवे को भुगतना पड़ रहा है। भारतीय रेलवे (Indian Railways) के मुताबिक देशभर में प्रतिदिन लगभग एक हजार रेलकर्मी कोरोना संक्रमित पाए जा रहे हैं। वहीं, अब तक कोरोना संक्रमण की चपेट में आकर 1955 रेलवे कर्मचारियों की जान जा चुकी है।
समाचार एजेंसी के मुताबिक रेलवे बोर्ड के अध्यक्ष सुनीत शर्मा ने कहा कि रेलवे किसी अन्य राज्य या क्षेत्र से अलग नहीं है। हम भी कोविड संक्रमण की मार झेल रहे हैं। इस समय हम लोगों की मदद कर रहे हैं।लेकिन हमारी हालात भी अच्छी नहीं है। रोजाना करीब 1000 (कोविड) मामले सामने आ रहे हैं।
उन्होंने कहा कि हम अपने स्टॉफ का पूरा ख्याल रख रहे हैं। उन्हें आवश्यक मेडिकल सुविधा भी उपलब्ध करा रहे हैं। रेलवे के अस्पतालों में बिस्तरों की संख्या बढ़ाई है। रेल अस्पातलों में ऑक्सीजन संयंत्र बनाए हैं। फिलहाल 4000 रेलवे कर्मी या उनके परिवार के सदस्य इन अस्पतालों में भर्ती हैं। हमारा प्रयास है। कि वो जल्दी ठीक हो जाएं। उन्होंने जानकारी देते हुए कहा कि पिछले साल मार्च से अब तक 1952 रेलकर्मियों की कोविड-19 महामारी की चपेट में आकर जान जा चुकी है।