1000 से अधिक किसानों को मिला लाभ, वैज्ञानिकों से मिली आधुनिक खेती की जानकारी
सूरजपुर/IRN.24…/ कलेक्टर श्री एस. जयवर्धन के निर्देशन में विकसित कृषि संकल्प अभियान के अंतर्गत आज जिले की विभिन्न ग्राम पंचायतों में बहुआयामी कृषक शिविरों का आयोजन किया गया। इन शिविरों का उद्देश्य किसानों को वैज्ञानिक व आधुनिक कृषि पद्धतियों की जानकारी देना, उनकी समस्याओं का समाधान करना तथा नई तकनीकों के प्रति जागरूक करना रहा।
पूर्वांह में तीन स्थानों पर लगे शिविर
प्रातःकालीन सत्र में कसलगिरी, दर्रीपारा और तारा में शिविर आयोजित किए गए। कसलगिरी शिविर में कसलगिरी, कसकेला,जुड़वाना, बलरामपुर, बीरपुर और करमपुर ग्रामों के कृषक शामिल हुए। दर्रीपारा शिविर में दर्रीपारा, जमडी, और घोंसा ग्रामों के किसान पहुंचे और तारा शिविर में तारा, जर्नादनपुर, शिवनग, कांटाराी और मेण्ड्रा ग्रामों के कृषक शामिल हुए।
अपरांह में आयोजित हुए तीन और शिविर
दोपहर के सत्र में अजबनगर, झिलमिली और पार्वतीपुर में शिविर लगाए गए। अजबनगर शिविर में अजबनगर, रविन्द्रनगर, मदनपुर, मोरभंज, कमलपुर, गणेशपुर, गोपालपुर, पहाड़गांव पण्डोनगर और करतमा के किसान उपस्थित रहे। झिलमिली शिविर में झिलमिली, भैयाथान, खैरी,समौली, पटियाडांड और रजबहर ग्राम शामिल थे। पार्वतीपुर शिविर में पार्वतीपुर, लक्ष्मीपुर, सरस्वतीपुर और जयपुर ग्रामों के किसान पहुंचे।
इन शिविरों में विभागीय विशेषज्ञों से मिली महत्वपूर्ण जानकारी दी गई। कृषि, उद्यानिकी, पशुपालन, मत्स्य विभाग के अधिकारियों के साथ कृषि वैज्ञानिक, कृषि सखी, कृषक मित्र, पशु सखी तथा प्रगतिशील कृषकों ने किसानों को मार्गदर्शन दिया। किसानों को मिलेट्स (मोटे अनाज) की खेती, फसल चक्र परिवर्तन, प्राकृतिक और जैविक खेती, उन्नत बीज और कृषि यंत्रों का उपयोग, जल संरक्षण, मूल्य संवर्धन, पशुपालन और उद्यानिकी से जुड़ी अत्यंत उपयोगी जानकारी दी गई।
उल्लेखनीय है कि शिविर स्थल कसलगिरि एवं अजबनगर में वैज्ञानिक डॉ के.एल. पैकरा और शिविर स्थल दर्रीपारा एवं झिलमिली में वैज्ञानिक डॉ योगेंद्र राठौर के द्वारा जानकारी दी गई। इन शिविरो में कुल 14 केसीसी, 02 केसीसी से ऋण, 02 धान बीज वितरण, 04 उर्वरक, 15 स्वायल हेल्थ कार्ड, 595 फलदार पौधे का वितरण एवं 47 कृमिनाश्क एवं अन्य किया गया।
इन शिविरों में लगभग 1000 से अधिक कृषकों ने इन शिविरों का लाभ उठाया। किसानों ने वैज्ञानिकों से अपनी समस्याएं साझा कीं और उनके समाधान पाए। साथ ही उन्होंने आधुनिक कृषि तकनीकों को अपनाने की दिशा में रुचि भी दिखाई। यह विकसित कृषि संकल्प अभियान के अंतर्गत आयोजित ये शिविर न केवल किसानों की जानकारी बढ़ा रहे हैं, बल्कि उन्हें आत्मनिर्भर एवं आधुनिक कृषि के लिए प्रेरित भी कर रहे हैं।