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छत्तीसगढ़ शासन की रजिस्ट्री प्रणाली में 10 क्रांतिकारी नवाचार पर आधारित कार्यशाला का हुआ आयोजन

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रजिस्ट्री से नामांतरण तक अब सब कुछ डिजिटल होने से भ्रष्टाचार पर लगेगा अंकुश

सूरजपुर/IRN.24…मुख्यमंत्री श्री विष्णुदेव साय के मार्गदर्शन में छत्तीसगढ़ सरकार द्वारा पंजीयन प्रणाली में ऐतिहासिक बदलाव करते हुए रजिस्ट्री एवं नामांतरण से जुड़े 10 क्रांतिकारी नवाचार की शुरुआत की है। इसी सिलसिले में आज कलेक्टोरेट सभाकक्ष में कार्यशाला का आयोजन किया गया। इस कार्यशाला में जिला रजिस्ट्रार अंबिकापुर, श्री विवेक कुमार सिंह द्वारा इन 10 क्रांतिकारी नवाचारों सहित अन्य महत्वपूर्ण जानकारी प्रदान की गई। इस कार्यशाला में अपर कलेक्टर सूरजपुर, डिप्टी कलेक्टर सूरजपुर, सर्व एस डी एम जिला सूरजपुर, सर्व तहसीलदार, नायब तहसीलदार एवं राजस्व विभाग के अन्य अधिकारीगण उपस्थित रहे। उल्लेखनीय है कि राज्य शासन तकनीक और पारदर्शिता के माध्यम से राजस्व व्यवस्था को आमजन के हित में और अधिक मजबूत बनाने की दिशा में तेजी से अग्रसर है। इसी क्रम में छत्तीसगढ़ शासन द्वारा रजिस्ट्री प्रणाली में किए गए 10 क्रांतिकारी नवाचारों पर आधारित कार्यशाला का आयोजन किया गया। इस कार्यशाला में जानकारी दी गई कि इस नई व्यवस्था से आम जनता को समय, श्रम और धन की बचत होगी, साथ ही पंजीयन की प्रक्रिया और अधिक सरल, पारदर्शी और त्वरित बन सकेगी। राज्य शासन द्वारा लागू किए गए इन नवाचारों के तहत अब पंजीयन के बाद नामांतरण की प्रक्रिया स्वतः पूरी हो जाएगी, जिससे नागरिकों को बार-बार तहसील कार्यालय के चक्कर नहीं लगाने पड़ेंगे। इससे राजस्व न्यायालयों में लंबित मामलों की संख्या घटेगी और न्यायिक प्रक्रिया को गति मिलेगी।कार्यशाला में बताया गया कि रजिस्ट्री प्रक्रिया को अब पूरी तरह पेपरलेस और कैशलेस बनाया जा रहा है। तकनीक के माध्यम से आम नागरिकों को पारदर्शी सेवाएं उपलब्ध कराने की दिशा में यह एक बड़ा कदम है। इसके अलावा पारिवारिक दान, हक त्याग और बंटवारे जैसे मामलों में पंजीयन शुल्क को मात्र 500 रुपए निर्धारित किया गया है, जिससे आम नागरिकों को आर्थिक रूप से बड़ी राहत मिलेगी।इस कार्यशाला में कलेक्टर श्री एस जयवर्धन ने शामिल अधिकारियों से आह्वान किया कि वे आपसी समन्वय के साथ इन नवाचारों को प्रभावी रूप से लागू करें, ताकि इनका लाभ अधिक से अधिक लोगों तक पहुंच सके। साथ ही यह भी सुनिश्चित किया गया कि इन तकनीकी उपायों से फर्जीवाड़े और भ्रष्टाचार पर भी प्रभावी रोक लग सकेगी।ये हैं पंजीयन प्रणाली के 10 क्रांतिकारी नवाचार

1. आधार आधारित प्रमाणीकरण सुविधा- अब क्रेता, विक्रेता और गवाहों की पहचान आधार रिकॉर्ड के माध्यम से की जाएगी, जिससे फर्जीवाड़े की संभावना समाप्त होगी।2. ऑनलाइन सर्च एवं डाउनलोड सुविधा- खसरा नंबर डालते ही संपत्ति के पूर्व लेन-देन की जानकारी ऑनलाइन प्राप्त की जा सकेगी।

3. भारमुक्त प्रमाण पत्र ऑनलाइन- संपत्ति पर ऋण आदि की जानकारी एक क्लिक में ऑनलाइन उपलब्ध होगी।4. एकीकृत कैशलेस भुगतान सुविधा- स्टाम्प और पंजीयन शुल्क का एकसाथ डिजिटल भुगतान किया जा सकेगा।5. व्हाट्सएप सेवाएं- रजिस्ट्री से जुड़ी सभी सूचनाएं, अपॉइंटमेंट और दस्तावेज व्हाट्सएप पर ही उपलब्ध होंगे।6. डिजीलॉकर सुविधा- पंजीकृत दस्तावेज अब डिजीलॉकर में डिजिटल रूप में संरक्षित रहेंगे, जिन्हें आवश्यकता अनुसार कभी भी डाउनलोड किया जा सकेगा।

7. ऑटो डीड जनरेशन सुविधा- दस्तावेज ऑनलाइन ही स्वतः तैयार होकर उप-पंजीयक को प्रस्तुत होंगे।

8. डिजी डॉक्युमेंट सुविधा- शपथ पत्र, अनुबंध जैसे गैर-पंजीयन योग्य दस्तावेज भी ऑनलाइन तैयार व स्टाम्प शुल्क ऑनलाइन अदा किया जा सकेगा।

9. घर बैठे रजिस्ट्री की सुविधा- आधार प्रमाणीकरण से अपॉइंटमेंट लेकर घर से ही रजिस्ट्री कराई जा सकेगी।दस्तावेज निर्माण, स्टाम्प भुगतान और रजिस्ट्री प्रक्रिया अब पूरी तरह ऑनलाइन होकर घर से ही पूर्ण की जा सकती है।10. स्वतः नामांतरण सुविधा- रजिस्ट्री के पश्चात नामांतरण की प्रक्रिया स्वतः आरंभ होकर संबंधित राजस्व रिकॉर्ड में स्वतः अद्यतन हो जाएगी। नामांतरण के लिए पृथक आवेदन की आवश्यकता नहीं होगी।

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