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बिश्रामपुर डीएव्ही स्कूल में समस्याओं के बीच बच्चे संवार रहे अपना भविष्य

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सूरजपुर/बिश्रामपुर/IRN.24... जिले के बिश्रामपुर स्थित डीएव्ही पब्लिक स्कूल में व्यवस्थाओ की कमी व समस्याओं के बीच बच्चे अपना भविष्य संवारने के लिए प्रतिदिन पहुंच रहे है। यह स्कूल जिले के अग्रणी शिक्षण संस्थानो में से एक है। जहां बिश्रामपुर ही नहीं बल्कि जिला मुख्यालय सूरजपुर सहित आसपास क्षेत्र के बड़ी संख्या में बच्चे शिक्षा ग्रहण करने आते है और अभिभावक भी अपने बच्चों को डीएव्ही स्कूल भेजकर गौरवान्वित महसूस करते है मगर उक्त स्कूल की व्यवस्था दिन प्रतिदिन बदतर होती जा रही है और यहां मूलभूत सुविधाओं की कमी के कारण समस्याओं के बीच बच्चो को शिक्षा ग्रहण करना मजबूरी है। स्कूल की लचर व्यवस्थाओ से परेशान अभिभावक कई बार व्यवस्था सुधार के लिए प्रबंधन से अनुनय विनय कर चुके है मगर प्रबंधन है कि व्यवस्था ठीक करने की दिशा में कोई सार्थक पहल किया है यह स्थिति देखकर नहीं लगता है। समस्याओं में सुधार न होने पर डीएव्ही नान एसईसीएल पेरेंट्स एसोसिएशन के प्रतिनिधि मंडल ने एक बार फिर प्रबंधन को 16 सूत्रीय मांगों का ज्ञापन सौपकर स्कूल की मूलभूत सुविधाएं ठीक करने की मांग की है। पेरेंट्स एसोसिएशन का आरोप है कि उक्त विद्यालय में शिक्षा के स्तर में निरंतर गिरावट आ रही है। विद्यालय में बुनियादी सुविधाओं का अभाव है। विद्यालय प्रबंधन को पहले भी समस्याओं से अवगत कराकर व्यवस्था में सुधार के लिए अनुनय विनय किया गया था। मगर समस्याएं जस की तस है। परेशान अभिभावकों ने पुनः विद्यालय प्रबंधन को पत्र सौपकर जगाने का प्रयास किया गया है। आरोप है कि विद्यालय प्रबंधन की उदासीनता के कारण विद्यार्थियों का भविष्य संकट में है जो अभिभावको के लिए चिंता का विषय हैं। अभिभावकों का आरोप है कि विद्यालय की कक्षाओं के डेक्स बेंच काफी लचर स्थिति में है। जिसके कारण बच्चे चोटिल हो रहे हैं। विद्यालयमें दर्ज संख्या के अनुरूप शौचालय की कमी व वाश बेसिन का अभाव है। विद्यालय के मेनगेट में लगाया गया काऊ कैचर बच्चों के लिए असुरक्षित साबित हो रहा है। इसमें छोटे बच्चो का पैर फंस रहा है जिसके करण चोटिल हो रहे है। आरोप यह भी है कि स्कूल प्रबंधन स्मार्ट बोर्ड के नाम पर फीस वसूल रहा है, लेकिन कई कक्षाओं में अभी तक स्मार्ट बोर्ड अनुपयोगी है। विद्यालय के खेल मैदान के आसपास साफ सफाई का अभाव है। खेल मैदान के आसपास अत्यधिक गाजर घास के कारण बच्चों को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। नर्सरी कक्षाओं के बच्चों के लिए स्थापित झूला घर शो पीस बन गया है। अंग्रेजी माध्यम विद्यालय में टीचर बोलचाल में अंग्रेजी भाषा का उपयोग नहीं करते है। एसोसिएशन के प्रतिनिधि मंडल ने छात्रहित में उक्त समस्याओं का अविलंब निराकरण करने की मांग की है।जिसमे विद्यालय के पिछवाड़े की चारदीवारी में लंबे अरसे से बंद गेट को बच्चों की आवाजाही के लिए पुनः खोलने की व्यवस्था हो। विद्यालय की प्री प्राइमरी बिल्डिंग में आने जाने वाले रास्ते में पेवर ब्लॉक अथवा सीमेंटेड रास्ते का निर्माण हो। महंगाई के इस दौर में अभिभावकों से वसूली गई अतिरिक्त राशि को वापस किया जाए। कक्षा दूसरी तक के बच्चों को व्हाट्सएप के माध्यम से होमवर्क की व्यवस्था सहित 16 सूत्रीय मांगे शामिल है जिनके त्वरित निराकरण के लिए विद्यालय प्रबंधन से मांग की गई है

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