वैक्सीनेशन स्ट्रैटजी में बदलाव की तैयारी:कोवीशील्ड के 2 डोज के बीच 12 से 16 हफ्ते का गैप करने की सिफारिश; संक्रमित हो चुके लोग 6 महीने बाद ही टीका लगवाएं
UK के हेल्थ रेगुलेटर MHRA ने कोवीशील्ड को अप्रूवल देते हुए कहा था कि दो डोज में तीन महीने का अंतर रखा तो वैक्सीन की इफेक्टिवनेस 80% तक रही थी।
वैक्सीनेशन को लेकर सरकार को सलाह देने वाली पैनल ने कोरोना वैक्सीन कोवीशील्ड के दो डोज के बीच गैप बढ़ाने की सिफारिश की है। नेशनल टेक्निकल एडवाइजरी ग्रुप ऑन इम्युनाइजेशन (NTAGI) ने सिफारिश की है कि कोवीशील्ड के डोज के बीच का अंतर 12 से 16 हफ्ते कर दिया जाए। फिलहाल 6 से 8 हफ्ते के अंतराल में कोवीशील्ड के दो डोज लगाए जा रहे हैं। पैनल ने साफ किया कि कोवैक्सिन के मामले में किसी भी तरह के बदलाव की सिफारिश नहीं की गई है।
पैनल ने सुझाव दिया है कि ऐसे लोग जो कोरोना की चपेट में आ चुके हैं, उन्हें 6 महीने तक वैक्सीनेशन नहीं कराना चाहिए। इसी के साथ पैनल ने प्रेग्नेंट महिलाओं को वैक्सीन के बारे में चॉइस देने की सिफारिश की है। वहीं, स्तनपान कराने वाली महिलाएं भी वैक्सीन लगवा सकती हैं। हालांकि, सरकार की मंजूरी के बाद ही इसे लागू किया जाएगा।
इससे पहले केंद्र सरकार ने कोवीशील्ड वैक्सीन के दो डोज के बीच का समय पहले से दो हफ्ते ज्यादा कर दिया था। शुरुआत में कोवीशील्ड के दोनों डोज के बीच 4 से 6 हफ्ते, यानी 28 से 42 दिन का अंतर रखा जाता था। इसके बाद इसे बढ़ाते हुए 6 से 8 हफ्ते यानी 42 से 56 दिन कर दिया गया था। नया नियम सिर्फ कोवीशील्ड वैक्सीन पर लागू हुआ था।
UK के हेल्थ रेगुलेटर MHRA ने कोवीशील्ड को अप्रूवल देते हुए कहा था कि दो डोज में तीन महीने का अंतर रखा तो वैक्सीन की इफेक्टिवनेस 80% तक रही थी। इसी वजह से तय किया गया कि 12 हफ्ते का अंतर दो डोज में रखा जाए। ताकि ज्यादा से ज्यादा लोग वैक्सीन के कवरेज में आ सकें।
वहीं, कोरोना की तीसरी लहर की चेतावनी के बीच एक और बड़ा कदम उठाया गया है। गुरुवार को ड्रग्स कंट्रोलर जनरल ऑफ इंडिया (DCGI) ने भारत बायोटेक की कोवैक्सिन को 2 से 18 साल के बच्चों पर ट्रायल की मंजूरी दे दी है। इससे पहले सब्जेक्ट एक्सपर्ट कमेटी (SEC) ने इसके ट्रायल की सिफारिश की थी।
जानकारी के मुताबिक, भारत बायोटेक की ओर से ये ट्रायल 525 वॉलंटियर्स पर किया जाएगा। ये 2 से 18 साल के बच्चों पर किया जा रहा कोवैक्सिन के क्लीनिकल ट्रायल का फेज 2 और फेज 3 होगा। ट्रायल के दौरान पहली और दूसरी वैक्सीन का डोज 28 दिनों के अंतर पर दिया जाएगा।