IRN.24- महेश ठाकुर
सूरजपुर-जिले के ग्राम करंजी में स्वास्थ्य सुविधा बुरी तरह से प्रभावित है। इसका अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में ड्यूटीरत कर्मचारी कभी समय पर नहीं पहुंच रहे हैं। इसका खामियाजा ग्रामीण क्षेत्र के लोगों को भुगतना पड़ रहा है। मरीजों को मजबूरी में झोलाछाप चिकितकों से इलाज कराना पड़ रहा है। कई बार शिकायत के बाद भी अधिकारी कार्रवाई नहीं कर रहे हैं।शासन द्वारा हर महीने वेतन व पीएससी की बाकी व्यवस्था केे लिए लाखों रुपए खर्च की जाती है लेकिन जनता को इसका कोई फायदा नहीं मिल रहा है यहां नियुक्त डाक्टर गांव में रहते ही नहीं हैं। अस्पताल में भी जो कर्मचारी आते हैं वो 9 बजे आने के बाद 5 बजे ही चले जाते हैं। कई बार शिकायत होने के बाद भी अधिकारी कार्यवाही नहीं करते हैं। ग्रामीण क्षेत्रों में चल रहे प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों में मनमानी से ग्रामीण परेशान हैं। शासन की महत्वकांक्षी स्वास्थ्य योजना भी यहां दम तोड़ रही है। प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में पांच से छह किलोमीटर दूर से आए ग्रामीण मौसमी बीमारी सर्दी खांसी, जुकाम, बुखार के इलाज के लिए यहां आते हैं यहां पर चिकित्सक नहीं मिलने के कारण इनका इंतजार करने के बाद मजबूरी में बाहर इलाज करने जाना पड़ता है। जिला व ब्लाक मुख्यालय में बैठे विभाग के अधिकारी सब कुछ जानते हैं लेकिन दफ्तर से निकलकर ग्रामीण क्षेत्र में स्वास्थ्य केंद्रों में पहुंचने तक इन्हें वर्ष लग जाते हैं। मरीज को कहीं और दूसरे स्वास्थ्य केंद्र ले जाना पड़ता है।