भूपेश बघेल पर बिलासपुर MLA शैलेश पांडे को भरोसा नहीं….. ! अमित शाह की राजनांदगांव रैली में ऐसे आया बिलासपुर का नाम
IRN.24-:छत्तीसगढ़ में विधानसभा चुनाव के ऐलान के बाद वो पहली चुनावी रैली थी। जिसमें भाजपा के बड़े नेता देश के गृहमंत्री अमित शाह शिरकत कर रहे थे। राजनांदगांव में पूर्व मुख्यमंत्री और बीजेपी उम्मीदवार डॉ रमन सिंह सहित उस इलाके के दूसरे उम्मीदवारों के पर्चा दाखिल करते समय आयोजित इस रैली में छत्तीसगढ़ के चुनावी मुद्दों पर ही बात हुई और यह संकेत मिल गया कि बीजेपी किन मुद्दों को लेकर चुनाव मैदान में उतर रही है। लेकिन इस मौके पर भूपेश सरकार के भरोसा सम्मेलन की बात आई तो बिलासपुर का भी नाम आया…..।
जब राजनांदगांव के भाजपा सांसद संतोष पांडे ने मंच से कहा कि – बिलासपुर के विधायक शैलेश पांडे को भूपेश बघेल पर भरोसा नहीं है…. यह इस बात का संकेत है कि इस सरकार पर आम छत्तीसगढ़िया का भरोसा ख़त्म हो गया है….।
सोमवार को पूर्व मुख्यमंत्री डॉ रमन सिंह ने राजनांदगांव में विधानसभा चुनाव के लिए अपना पर्चा दाखिल किया । इस इलाक़े में पहले चरण में चुनाव हो रहे हैं । जहां नामांकन की प्रक्रिया शुरू हो गई है। इस मौके पर राजनांदगांव में एक आम सभा का आयोजन किया गया । जिसमें केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह भी शामिल हुए। छत्तीसगढ़ में विधानसभा चुनाव के ऐलान और प्रक्रिया शुरू होने के बाद किसी पार्टी की ओर से बड़े नेता की पहली रैली थी। लोगों की नजर इस रैली पर थी और लोग यह जानना चाह रहे थे कि अमित शाह किस मुद्दे पर फोकस करते हैं।
आमसभा की शुरुआत में राजनांदगांव के भाजपा सांसद संतोष पांडे ने अपना भाषण दिया। उन्होंने कविताओं और संस्कृत श्लोक के साथ अपनी बात बेहतर ढंग से रखी। केंद्र सरकार की उपलब्धियों की चर्चा भी उन्होंने की। छत्तीसगढ़ की बात करते हुए उन्होंने भरोसा सम्मेलन का जिक्र किया। इस मुद्दे पर उन्होंने जो बात रखी , उसमें बिलासपुर का भी जिक्र खासतौर से आया। उन्होंने भीड़ में मौजूद लोगों से पूछा ….. “ना तो टी.एस. सिंहदेव को भूपेश बघेल के ऊपर भरोसा है….। ना तो छन्नी साहू को भूपेश बघेल के ऊपर भरोसा है……। ना तो बिलासपुर के विधायक शैलेश पांडे को भूपेश बघेल के ऊपर भरोसा है…..। आज ये भरोसे की बात करते हैं। आम छत्तीसगढ़िया को भूपेश बघेल के ऊपर से भरोसा खत्म हो गया है….।” सांसद संतोष पांडेय ने अपने भाषण के ज़रिए इस ओर भी इशारा कर दिया कि भरोसे की जिस बात को कांग्रेस ने नैरेटिव बनाया है, उसका जवाब बीजेपी किस तरह पेश कर रही है..। साथ ही कांग्रेस की कथित अंतर्कलह को भी इससे जोड़कर छत्तीसगढ़ के लोगों के सामने एक नया नैरेटिव बनाने की तैयारी में है।इस आम सभा में गृह मंत्री अमित शाह ने शुरुआत में यह बात कही की अटल जी ने छत्तीसगढ़ राज्य बनाया। जिससे यह बीमारू प्रदेश विकसित हो सके। उन्होंने कहा कि यह किसी सरकार या विधायक के लिए चुनाव नहीं है। बल्कि स्वर्णिम छत्तीसगढ़ बनाने के लिए चुनाव है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने स्वर्णिम छत्तीसगढ़ का सपना देखा है, जिसे पूरा करने के लिए उन्होने छत्तीसगढ़ के लोगों से भाजपा को मतदान करने का आह्वान किया। अमित शाह ने छत्तीसगढ़ में रमन सिंह की पूर्ववर्ती सरकार की ओर से चलाई गई योजनाओं और कराए गए विकास कार्यों का जिक्र किया।छत्तीसगढ़ की मौज़ूदा कांग्रेस सरकार के तमाम भ्रष्टाचार के मुद्दे गिनाए। साथ ही यह भी बताया कि पहले मनमोहन सिंह सरकार के 10 साल में केंद्र सरकार की ओर से छत्तीसगढ़ को कितनी धनराशि मिली और उसके मुकाबले मोदी सरकार के दौर में कितना अधिक सहयोग छत्तीसगढ़ को मिला। उन्होंने कहा कि छत्तीसगढ़ में नक्सलवाद पर नकेल कसी है ।किसानों के मुद्दे पर भी यह बात कही कि किसानों को हर साल 6 हज़ार रुपए दिया जा रहा है। उनके भाषण में इस बात का खास तौर से जिक्र किया गया कि छत्तीसगढ़ में भुनेश्वर साहू की मॉब लिंचिंग की गई।प्रदेश भाजपा अध्यक्ष अरुण साव ने भी अपने भाषण में भूपेश सरकार पर निशाना साधा। अमित शाह के भाषण के खास मुद्दों को लेकर लोगों की दिलचस्पी थी और ज्यादातर लोग जानना चाहते थे की छत्तीसगढ़ के सबसे प्रमुख मुद्दे धान और किसान को लेकर वे अपनी ओर से कौन सी नई बात रख रहे हैं। इस मुद्दे पर बहुत अधिक बात नहीं हुई। अमित शाह ने अपने भाषण में यह भी संकेत दिया कि छत्तीसगढ़ में भाजपा किसी नेता को सीएम के रूप में पेश नहीं कर रही है। उन्होंने साफ तौर पर कहा कि छत्तीसगढ़ में कमल फूल की सरकार बनाएं।
चुनाव की घोषणा के बाद पहली रैली में जो बातें सामने आईं हैं, उसके हिसाब़ से बीजेपी छत्तीसगढ़ में 15 साल की बीजेपी सरकार के कामकाज, केन्द्र सरकार की उपलब्धियों और प्रदेश की मौज़ूदा कांग्रेस सरकार की खामियों- भ्रष्टाचार को लेकर चुनाव मैदान में उतर रही है। इन मुद्दों का छत्तीसगढ़ के आम लोगों पर कितना असर होता है, यह तो आने वाले समय में ही पता लग सकता है।