महेश्वर सूरजपुर- एसईसीएल बिश्रामपुर के आमगांव ओपन कास्ट परियोजना में पटना क्षेत्र के ग्रामीणों ने नौकरी, मुआवजा व अन्य मांगों को लेकर आंदोलन का रास्ता अपना कर कोल उत्पादन को प्रभावित कर दिये हैं।जिससे उत्पादन व परिवहन ठप हो गया है। आंदोलनकारी ग्रामीणों ने अधिग्रहित की गई भूमि में ग्रामीणों अथवा उनके आश्रितों को नौकरी दिए जाने के मामले को लेकर अपनी भड़ास निकाली है तो दूसरी ओर प्रबंधन भी नौकरी व मुआवजा देने के लिए संकल्पित है। किन्तु कुछ नेताओं के बहकावे व आंदोलन को पर्दे के पीछे से हवा देने के कारण पात्र भूमि स्वामियों और उनके आश्रितों के बीच प्रबंधन की कार्रवाई व राजस्व अमले के द्वारा अब तक की गई पहल की वास्तविक जानकारी भी नहीं पहुंच पा रही है। हालांकि इस हड़ताल से लगभग ढाई हजार टन उत्पादन प्रतिदिन व चार हजार टन का डिस्पैच बंद होने के साथ 30 हजार टन ओबी का कार्य पूरी तरह से प्रभावित हो गया है और लगभग ढाई करोड़ रूपए का रोज का नुकसान प्रबंधन को हो रहा है। वहीं लगभग 70 लाख रूपए रोज की रॉयल्टी का नुकसान जिला प्रशासन को उठाना पड़ रहा है। एक ओर आंदोलनकारी नौकरी नौकरी देने के मामले में एसईसीएल पर टाल-मटोल का रवैया अपनाने का आरोप लगा रहे है। तो दूसरी तरफ प्रबंधन का कहना है कि पटना की अधिग्रहित भूमि के बदले जिनके दस्तावेज पूर्ण हो चुके हैं। उन में 37 लोगों को नौकरी दी जा चुकी है तथा 50 अन्य के प्रपोजल स्कूटनी के उपरांत मुख्यालय गये हुए हैं। वहीं हड़ताल के बीच 16 अन्य के प्रकरणों का भी सत्यापन तहसीलदार ने खदान में पहुंचकर करते हुए प्रकाशन हेतु प्रेषित किया है। आंदोलन को लेकर डटे ग्रामीण जहां अपनी मांगों पर अडिग हैं। वहीं प्रबंधन ने हड़ताल खत्म कर खदान को चालू करने की अपील ग्रामीणों से की है।