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क्यूबा में मेहनतकश का राज है समाजवाद की झलक देखी जा सकती है -हरिद्वार सिंह

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बिलासपुर -एटक के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष एवं मध्य प्रhदेश के अध्यक्ष कामरेड हरिद्वार सिंह 7 दिनों के दौरे पर क्यूबा की राजधानी हवाना गए थे क्यूबा से लौटने के बाद कामरेड हरिद्वार सिंह ने कहा कि क्यूबा में समानता है सहज ता है एवं समाज में किसी भी प्रकार का ऊंच नीच का किसी भी क्षेत्र में दमन नहीं है 7 दिन के प्रवास के दौरान कहीं भी पुलिस नहीं दिखी क्यूबा में कामरेड हरिद्वार सिंह के साथ चल रही अलग-अलग ट्रांसलेटर ने बताया की क्यूबा की जनसंख्या एक करोड़ 40 लाख है 72% महिलाएं हैं एवं 28% पुरुष है क्यूबा चारों तरफ से समुद्र से घिरा हुआ एक खूबसूरत द्वीप है 27 अप्रैल की रात को हवाना एयरपोर्ट पर मैं पहुंच गया सीटीसी के कार्यकर्ता एयरपोर्ट पर मुझे लेने पहुंच गए थे हवाना के ग्रैंड मुथु होटल में मुझे ठहराया गया था जो समुद्र के बिल्कुल किनारे है डॉक्टर मुथु भारत के ही चेन्नई शहर के मूल निवासी हैं लंबे सफर के बाद 28 अप्रैल को पूर्णत विश्राम किया सुबह शाम जरूर समुद्र के किनारे ऊंची लहरों को देखने जाता था 29 अप्रैल को सुबह नाश्ते के बाद लेबर सेंटर पुराना हवाना मैं एक बैठक आयोजित की गई थी बस द्वारा दुनिया के 50 देशों के मजदूर प्रतिनिधियों को लेबर सेंटर में आमंत्रित किया गया था मैं अकेले ही भारत से एटक यूनियन के प्रतिनिधि के रूप में शामिल हुआ सारे देशों के लोग पैंट शर्ट सूट अथवा अपने देश के पोशाक थे किंतु मैं कुर्ता पजामा एवं जैकेट पहने हुए था और इस पोशाक में अकेले था हवाना लेबर सेंटर में मीटिंग प्रारंभ हुई जिसकी अध्यक्षता खान एवं ऊर्जा मंत्री कामरेड जॉर्ज कर रहे थे फ्रांस के प्रतिनिधि के बात करने के बाद मुझे आमंत्रित किया गया करीब 25 मिनट मैंने अपनी बात को रखा कामरेड सारा ट्रांसलेटर ने स्पेनिश भाषा में ट्रांसलेट कर मेरी बात को सारे प्रतिनिधियों को समझा रही थी मेरे स्पीच के बाद तालियों से 50 देशों के प्रतिनिधियों ने स्वागत किया मैंने अपने उद्बोधन में कहा कि भारत का क्यूबा से बहुत पुराना नाता है एटक इस रिश्ता को आगे भी कायम रखेगा दोपहर के खाने के बाद हम सब लोग होटल वापस आ गए 30 अप्रैल को पुराने हवाना में रेगाल म्युनिसिपालिटी रेगाल चर्चे एवं 1959 के क्रांति के महत्वपूर्ण स्थानों को देखा जहां से क्रांति में मदद मिली थी कामरेड जॉर्ज ने अपने उद्बोधन में कहा के 1902 के पहले क्यूबा स्पेन की गुलाम थी अलग-अलग देशों ने क्यूबा को लगभग 200 वर्षों तक गुलाम बना करके रखा 1902 में दुनिया में जन उभार का दौर आया तो अमेरिका ने दखल देकर क्यूबा की जनता के हाथों में सत्ता सौंप दी 1940 में बत्तीस्ता सरकार मैं राष्ट्रपति के पद पर आसीन हुए तब जन हितेषी नेता की छवि थी किंतु जल्द ही अमेरिका ने अपने गोद में बैठा कर अपने व्यापारिक मुनाफे को बढ़ाने का काम किया बदले में अमेरिका के इशारे पर बड़े पैमाने पर क्यूबा की जनता का शोषण करना प्रारंभ कर दिया 1954 में बतिस्ता सरकार की दमन चरम पर पहुंच गई तभी पेशे से वकील कामरेड फिदेल कास्त्रो ने न्यायालय में बतिस्ता सरकार के जन विरोधी नीतियों के कारण बर्खास्त करने के लिए याचिका लगाई कामरेड फिदेल कास्त्रो को गिरफ्तार कर लिया गया कुछ चेतावनी के साथ छोड़ा गया तब कामरेड फिदेल कास्त्रो एवं उनके भाई राउल कास्त्रो मेक्सिको में गोरिल्ला वार के जोधा कामरेड चे ग्वारा से संपर्क किए और क्यूबा में आमंत्रित किए 1955 से कामरेड चे ग्वारा एवं कामरेड फिदेल कास्त्रो ने मिलकर लड़ाई लड़ी और अंततः 5 जनवरी 1959 को बतिस्ता गद्दी छोड़ कर भाग गया और मजदूरों का शासन कायम हुआ 5 जनवरी 1959 से 15 जनवरी 1959 तक तक वहां के एक साथी राष्ट्रपति रहे किंतु 15 जनवरी 1959 से 1976 तक कामरेड फिदेल कास्त्रो प्रधानमंत्री रहे एवं 1976 से 2008 तक कामरेड फिदेल कास्त्रो राष्ट्रपति रहे दुनिया में कोई भी एक व्यक्ति समाजवादी मुल्क में अथवा प्रजातांत्रिक मुल्क में इतने लंबे अरसे तक प्रधानमंत्री अथवा राष्ट्रपति नहीं रहा है फिदेल कास्त्रो दो कमरों के मकान में जीवन गुजार दिया 1961 अमेरिका ने क्यूबा के खिलाफ आर्थिक नाकेबंदी लगा दी ना केवल स्वयं आर्थिक नाकेबंदी लगाई बल्कि यूरोप के सारे देशों को अपने रास्ते पर चलने के लिए विवश किया तब सोवियत संघ से मदद मिलती थी 1965 मे चे ग्वार युवा छोड़कर अन्य अन्य देश में आंदोलन का नेतृत्व करने चले गए जहां 1967 में अमेरिका की खुफिया एजेंसी सीआईए ने उन्हें जान से मरवा डाला समाजवादी मुल्कों से मदद मिलती थी 1990 में सोवियत संघ के विघटन के बाद पूंजीवादी अखबारों ने हेड लाइन छापना शुरू किया कि क्यूबा की फिदेल कास्त्रो की सरकार चंद दिनों की मेहमान है 2 मई को अंतरराष्ट्रीय मजदूर दिवस के अवसर पर अध्यक्षता कर रहे राष्ट्रपति कामरेड मी गेल ने कहा सोवियत संघ का विघटन के 33 वर्ष पूरे हो गए आप लोग जिस मुस्तैदी के साथ युवा के साथ खड़े हैं आने वाले समय में भी क्यूबा की पहचान समाजवादी मूल के रूप में रहेगी ऐसा क्यूबा का विश्वास है क्यूबा के राष्ट्रपति ने भारत सहित तमाम देशों के सहयोग की सराहना किया 50 देशों के 2 हजार प्रतिनिधि से भरे खचाखच हाल मे तालियों की गड़गड़ाहट से हाल गूंज उठा ब्राजील के प्रतिनिधि कामरेड लुल्ला क्यों पर लिखी किताब का विमोचन क्यूबा के राष्ट्रपति ने किया इस अवसर पर भारत के प्रतिनिधि के रूप में राष्ट्रीय उपाध्यक्ष कामरेड हरिद्वार सिंह को अपनी बात रखने का मौका मिला 2 मई को ही 4 बजे सीटीसी के सेक्रेटरी कामरेड उलीस्सेज के साथ डिप्लोमेटिक वार्ता क्यूबा और भारत के संबंधों को मजबूत करने के लिए हुई सेक्रेटरी जनरल सीटीसी ने कहा भारत की 103 वर्ष पुरानी यूनियन अखिल भारतीय ट्रेड यूनियन कांग्रेस का रिश्ता क्यूबा की जनता से 1959 के पहले से है इस रिश्ते को और मजबूत करेंगे और नवंबर महीने में भारत आने की इच्छा व्यक्त उन्होंने किया कामरेड हरिद्वार ने क्यूबा के व्यवस्था के संबंध में कहा कि महिला एवं पुरुष में अधिकार में किसी प्रकार का भेदभाव नहीं है 6 वर्ष से 15 वर्ष के लड़के अथवा लड़की को अनिवार्य रूप से शिक्षा प्राप्त करना ही है स्वास्थ्य की गारंटी है छोटे से देश में 70 हजार डॉक्टर हैं टूरिज्म जीविकोपार्जन का सबसे बड़ा साधन है कृषि का कार्य भी होता है किंतु चावल कनाडा से आयात करना पड़ता है सब्जियां होती है फलदार वृक्ष बड़े पैमाने पर जा सकते हैं समुद्री क्षेत्र होने के कारण मछली का व्यापार जनता के जीविकोपार्जन का एक प्रमुख हिस्सा है डांस को सांस्कृतिक स्वरूप दिया गया है इसीलिए महिला डांसर एक डॉक्टर से ज्यादा पैसा कमा लेती हैं 2017 के पहले निजी व्यवसाय पर प्रतिबंध था किंतु विनिवेश को बढ़ावा देने के लिए कई देश के व्यापारियों ने पहल की है धार्मिक स्वतंत्रता कितनी है यह अपनी आंखों से देखा जा सकता है चर्च एवं दूसरे धर्म के प्रार्थना घर पूर्णता सुरक्षित हैं महिलाओं की बड़ी संख्या होने के बाद भी किसी भी प्रकार के महिला उत्पीड़न नहीं है बहुत आए संख्या के कारण अब संख्या को सम्मान से रहने का पूर्ण अधिकार है दूसरे ट्रांसलेटर कामरेड लिस् वानिया ने कि इतने दूर होने के बाद भी भारत की जनता से क्यूबा का अपार प्यार है मई दिवस को मौसम खराब होने की वजह से लोंग मार्च को स्थगित कर दिया गया था किंतु रिवॉल्यूशन स्क्वायर आर्म र्स्क्वायर को देखने का मौका मिला सच में जन असंतोष बढ़ जाता है तो फिर सत्ता परिवर्तन अथवा व्यवस्था परिवर्तन में वक्त नहीं लगता है 6 वर्षों संघर्ष के बाद ही बतिस्ता सरकार का गद्दी छोड़ कर भाग जाना एवं व्यवस्था परिवर्तन की शुरुआत होना यह बड़ी बात है भारत में हम सत्ता परिवर्तन की लड़ाई लड़ते हैं व्यवस्था परिवर्तन कि नहीं क्यूबा से हमें जरूर सीख लेनी चाहिए 15 लाख लोगों को पेंशन मिलता है विकलांगों के लिए अलग व्यवस्था है कार की फैक्ट्री नहीं है किंतु पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए लंबी लंबी गाड़ियां सड़कों पर दौड़ते देखी जा सकती है सार्वजनिक ट्रांसपोर्ट की बहुत ही खूबसूरत व्यवस्था है लोगों के पास निजी कार नहीं है किंतु सड़क पर आते ही बसों का जाल बिछा हुआ है 2 मई को हुए कार्यक्रम में कामरेड हरिद्वार सिंह के भाषण के बाद क्यूबा के राष्ट्रपति कामरेड मेगेल स्वयं उनके पास आए कंधे पर हाथ रख कर के तस्वीर खिंचवाई कामरेड हरिद्वार सिंह ने कहा यह उनका सम्मान नहीं बल्कि अखिल भारतीय ट्रेड यूनियन कांग्रेस का सम्मान है निश्चित रूप से जिंदगी भर में इसे याद रखूंगा यह प्रेरणा से देश की मेहनतकश जनता के लिए अखिल भारतीय ट्रेड यूनियन कांग्रेस के लिए निरंतर संघर्ष करते रहूंगा क्यूबा की यात्रा न केवल प्रेरणास्पद रही है सुखद रही है बल्कि समाजवादी मुल्क में व्यवस्था को देखकर एक सपना लेकर के आए हैं क्या कभी भारत में भी ऐसा हो पाएगा उन्होंने कहा कि जरूर होगा इसी सपने को साकार करने के लिए हम लोग आगे बढ़ेंगे।

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