केरता (संतोष कुमार) -कृषि विश्वविद्यालय के लिए चिन्हहांकित भूमि के विरोध में सैकड़ों कि संख्या में ग्रामीणों ने पूर्व राज्यसभा सांसद रामविचार नेताम को ज्ञापन सौंपे ग्रामीणों में काफी जनाक्रोश बढ़ रहा है और आगे हर संभवत ग्रामीण अपनी भूमि को बचाने के लिए लड़ाई लड़ने के लिए तैयार हैं
राज्यसभा सांसद ने आश्वासन दिया है की हम किसी भी गरीब परिवार का जमीन और मकान टूटने नहीं देंगे इसके लिए हमें आगे की लड़ाई क्यों ना लड़नी पड़े मैं हमेशा आप लोगों के साथ हूं। और हमेशा रहूंगा
आपको बता दें कि
नवीन ज़िला बनने के बाद से ही सूरजपुर जिला में कृषि विश्वविद्यालय कि मांग हमेशा से ही उठती आ रही थी।
राज्य सरकार की पहल पर केंद्र सरकार ने मंजूरी दे दी
परन्तु अब कृषि विश्वविद्यालय के लिए प्रतापपुर ब्लाक के खड़गवां कला में लगभग 100हे0 शासकिय भूमि चिन्हांकित किया गया है।
लेकिन गांव में ग्रामीण इसके विरोध में हैं ग्रामीणों का कहना है की हम सभी के पूर्वजों से काबिज कास्त कर कृषि कार्य करते आ रहे हैं उस भूमि पर राज्य सरकार एवं क्षेत्रीय विधायक के इसारों पर
आज हमें हमारी कृषि भूमि को हमसे छिना जा रहा है
जिस भूमि को कृषि विश्वविद्यालय के लिए आरक्षित किया जा रहा है
उस भूमि पर लगभग 200 परिवार मकान बना कर वर्षों से रह रहें हैं आज अगर इनका मकान टूटता है तो कई परिवार बेघर हो जाएंगे।