सूरजपुर, प्रतिभा किसी चीज की मोहताज नहीं होती और अक्सर प्रतिभाएं अभाव के छांव में ही जन्म लेती है गरीबी या पिछड़ापन उनकी सफलता में कभी भी बाधक नहीं हो सकता, हम बता रहे हैं ऐसी ही एक मेधावी छात्रा की कहानी जिसने जिले के छोटे से गांव दूरती जहां शहरों की तरह कोई संसाधन भी नहीं है और ना ही कोई अच्छी कोचिंग की व्यवस्था पिता भूपेंद्र प्रसाद राजवाड़े निजी स्कूल में पढ़ाते हैं और मां कमला राजवाड़े आंगनबाड़ी में कार्यरत हैं माता पिता के मार्गदर्शन में बिटिया कुसुमलता ने छत्तीसगढ़ माध्यमिक शिक्षा मंडल 12वीं कक्षा में 88.6% के साथ विद्यालय में टॉप कर जिले अपने गांव एवं माता पिता का मान बढ़ाया है, इंडियन रिपब्लिक न्यूज़ से बात करते हुए कुसुमलता ने बताया कि मैं भविष्य में बैंक मैनेजर बनना चाहती हूं और मेरी सफलता के पीछे मेरे माता-पिता मेरे गुरु जन हैं और मैं अपने मुकाम को अपनी मेहनत और लगन से निश्चित तौर पर हासिल करके रहूंगी।