महेश्वर राजवाड़े – सूरजपुर. छत्तीसगढ़ के सरगुजा संभाग में बीजेपी ने गुरुवार को बंद का ऐलान किया था. सूरजपुर शहर में इसका असर देखने को नहीं मिला और सुबह से ही दुकानें खुल गईं. बीजेपी ने जशपुर जिले के बगीचा में संत गहिरा गुरु के बेटे के साथ पुलिस की मारपीट के विरोध में इस बंद का आह्वान किया था.
बता दें कि बंद को लेकर पूर्व गृहमंत्री रामसेवक पैकरा ने भी प्रेसवार्ता आयोजित कर इस घटना की निंदा करते हुए कार्रवाई की मांग की थी. कांग्रेस सरकार पर हमला बोला था और लोगों से बंद को सफल बनाने अपील की थी. लेकिन सूरजपुर में दुकानदारों ने बंद को समर्थन नहीं दिया. वहीं बीजेपी का कोई कार्यकर्ता व पदाधिकारी भी दुकान बंद कराने के लिए नहीं निकला. इसके चलते दुकानें सुबह से खुली नजर आईं.
ये थी घटना
गहिरा गुरु के बेटे और जिला पंचायत सदस्य गेंद बिहारी सिंह के साथ हुए पुलिसिया दुर्व्यवहार पर बीजेपी ने विरोध दर्ज कराया था. वहीं एसडीओपी पर एसटी एससी एक्ट के तहत कार्रवाई की मांग को लेकर उनके अनुयायी और भाजपा के लोगो ने लैलूंगा में एक दिवसीय बंद का आह्वाहन किया था. इसमें भारतीय जनता युवा मोर्चा के प्रदेश अध्यक्ष रवि भगत के नेतृत्व में सुबह से व्यापारियों से अपने प्रतिष्ठान बंद रखने के लिए निवेदन किया गया था.
बंद पर उठाया सवाल
इधर, कांग्रेस नेता विमलेश तिवारी ने बीजेपी के बंद के औचित्य पर सवाल उठाया है. उनका कहना है की इस घटना के बाद आईजी ने दोषी पुलिस के ऊपर कार्रवाई कर दी है. उसके बाद भी ऐसा करना ठीक नहीं है. बीजेपी मुद्दा विहीन हो चुकी है, जिसका परिणाम आज सूरजपुर में दिख रहा है, जहां इनके बंद को जनता ने असफल कर दिया है.