महेश्वर प्रसाद-जिला सूरजपुर के ग्राम करंजी में पितृपक्ष बहुत ही खुशी और हर्षोल्लास के साथ मनाया गया। जो की अपने पूर्वजों की याद में पितृपक्ष मनाया जाता है ,ताकि हमारे पूर्वज तृप्त हो सकें। और उनका आशीर्वाद हम पर सदैव बना रहे। हिंदू धर्म में पितृपक्ष का बहुत बड़ा अर्थ होता है। पितृपक्ष का समय पितरों यानी पूर्वजों के लिए समर्पित पितृपक्ष की शुरुआत भाद्रपद मास के शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा तिथि से होती है। इसका समापन अश्विन मास की अमावस्या तिथि को होता है। हिंदू अपने पूर्वजों (पितरों )को विशेष रुप से भोजन ,प्रसाद के माध्यम से सम्मान ,धन्यवाद व श्रद्धांजलि अर्पित करते हैं। ऐसा माना जाता है , कि श्राद्ध के समय पूर्वज अपने रिश्तेदारों को आशीर्वाद देने के लिए पृथ्वी पर आते हैं और अपने वंशजों की रक्षा करते हैं।